‘आयएस’ के आतंकवाद के खिलाफ एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों का नया मोरचा: ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया की पहल

जकार्ता: पिछले दो महीनों से फिलिपींस में ‘आयएस’ संलग्न आतंकवादी गुटों के साथ चल रहा संघर्ष, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे देशों में ‘आयएस’ ने किए हुए हमले और ऑस्ट्रेलिया में नाकाम किया हुआ आतंकवादी हमला; इसकी पृष्ठभूमि पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों ने ‘आयएस’ के खिलाफ संघर्ष करने के लिए एक होने का निर्णय लिया है| इस सन्दर्भ में एक दिन की महत्वपूर्ण बैठक शनिवार को इंडोनेशिया के मनाड़ो शहर हुई| इस बैठक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के छह देशों ने आतंकवादी विरोधी कार्रवाई के लिए, ‘फॉरेन टेररिस्ट फाइटर्स स्ट्रेटेजिक फोरम’ की स्थापना करने का निर्णय लिया|

मई महीने के आखरी हफ्ते में ‘आयएस’ संलग्न आतंकवादी गुटों ने फिलीपींस के ‘मारावी सिटी’ पर कब्ज़ा करने में सफलता पाई थी| उसके बाद से इन आतंकवादी गुटों के साथ शुरू हुआ संघर्ष अभी तक थमा नहीं है| इस अवधि में की गई कार्रवाई में लगभग ५०० आतंकवादियों के मारे जाने का दावा किया गया है| फिर भी संघर्ष पूरी तरह से ख़त्म न होने से इस हमले के गंभीर परिणाम दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में उमटे हैं|

‘मारावी सिटी’ में चल रहे संघर्ष में कई आतंकवादी फिलीपींस के अलावा अन्य देशों से भी होने की बात सामने आई है, जिस में इंडोनेशिया और मलेशिया के भी आतंकवादी हैं| इस वजह से सीरिया और इराक में अपने अड्डे बनाने वाली ‘आयएस’ , धीरे धीरे दक्षिण पूर्व एशिया और आशिया प्रशांत क्षेत्र में अपना पैर पसार रही है, यह बात सामने आई है| पिछले कुछ महीनों में ‘एशिया-प्रशांत’ क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर हुई बैठकों में साथ ही रिपोर्ट में भी यह मुद्दा आगे आया है|

फिलीपींस में संघर्ष की पृष्ठभूमि पर जून महीने में दक्षिण पूर्व एशिया के, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस इन तीन देशों ने ‘आयएस’ के खिलाफ संयुक्त मुहीम को शुरुआत की थी| इस मुहीम के बाद आतंकवाद के खिलाफ एक होने की समझ अधिक मजबूत हो रही है और इसके लिए ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया ने पहल की है| शनिवार को हुई बैठक में इन दो देशों के अलावा फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई और न्यूझिलंड इन छह देशों का समावेश था|

बैठक के लिए छः देशों के सुरक्षा विभाग से संबंधित मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे| बैठक की शुरुआत करते समय इंडोनेशिया के सुरक्षा व्यवहार मंत्री जनरल विरान्तो ने, दुनिया का कोई भी देश आतंकवाद के खतरे से मुक्त न होने का इशारा देकर आतंकवाद के खिलाफ एक होने भूमिका सामने राखी| ‘आतंकवाद यह मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर सामने आ रहा है और कोई भी इसे नजरंदाज नहीं कर सकता’, इन शब्दों में बैठक का उद्द्येश्य स्पष्ट किया|

ऑस्ट्रेलिया के अटोर्नी जनरल जोर्ज ब्रांडीस ने फिलीपींस की घटना का जिक्र करके, इस घटना ने आतंकवाद के खिलाफ एक होने के लिए तुरंत कार्यरत होने की जरुरत है, ऐसा कहा है| एशिया प्रशांत क्षेत्र के देशों में ‘आयएस’ के प्रभाव के नीचे आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है| इसकी वजह से एकदूसरे की सहायता करना महत्वपूर्ण है, इस बात को भी स्पष्ट किया|

आतंकवाद खिलाफ के संघर्ष में समन्वय साधने के लिए ‘फॉरेन टेररिस्ट फाइटर्स स्ट्रेटेजिक फोरम’ की स्थापना को छः देशों ने अनुमति दी है| आने वाले समय में आतंकवाद के मुद्दे पर जानकारी की अदला बदली करने के साथ ही, विविध उपाय योजनाएं निश्चित करने के लिए नई बैठक बुलाने का निर्णय भी इस बैठक में लिया गया| अगस्त महीने में ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया ‘आयएस’ विरोधी कार्रवाई के मुद्देपर, सुरक्षा यंत्रणाओं की स्वतंत्र बैठक का आयोजन करने वाले हैं, यह भी बताया गया|

दक्षिण पूर्व एशिया में पिछले कुछ सालों में ‘अल कायदा’ और ‘आयएस’ जैसे आतंकवादी संगठनों ने पैर फैलाना शुरू किया है| दक्षिण पूर्व एशिया में सक्रीय ‘अबू सय्यफ’, ‘जेमाह इस्लामिया’, ‘मोरो नेशनल लिबरेशन फ्रंट’ इन बागी और आतंकवादी गुटों ने ‘आयएस’ जैसी आतंकवादी संगठनों के साथ संलग्न होने का निर्णय लिया है| इस वजह से इस क्षेत्र में ‘आयएस’ की ताकत बढ़ रही है और इराक-सिरिया के युद्ध में भी दक्षिण पूर्व एशिया के सेंकडो आतंकवादी शामिल होने की बात सामने आयी है|

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