कोरोना के नए ‘वेरियंट’ के सामने वैक्सीन भी निष्प्रभ होने का खतरा संभव है – विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञ का इशारा

विश्व स्वास्थ्य संगठनजिनेवा – कोरोना की महामारी के खिलाफ मौजूदा एवं विकसित हो रही वैक्सीन्स भविष्य में सामने आनेवाले विषाणुओं के नए प्रकार (वेरियंटस्‌) के सामने निष्प्रभ साबित हो सकती हैं, ऐसी गंभीर चेतावनी विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख विशेषज्ञों ने दी है। ‘डब्ल्यूएचओ’ में संक्रमण की बिमारियों के विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रहीं डॉ.मारिआ वैन केर्खोव ने सोमवार के दिन एक ‘ब्रीफिंग’ के दौरान यह चेतावनी दी। टीकाकरण के बावजूद ‘मास्क’, ‘सोशल डिस्टंसिंग’ एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी प्रावधान जारी रखना आवश्‍यक है, यह इशारा भी डॉ.मारिआ वैन केर्खोव ने दिया है।

वर्ष २०१९ के अन्त में चीन से शुरू हुई कोरोना की महामारी ने विश्‍वभर में हाहाकार मचाया है और अभी भी इसका फैलाव तेज़ी से हो रहा है। विश्‍वभर में तकरीबन १८ करोड़ लोग इस महामारी ने चपेट में लिए हैं और अब तक ३८ लाख कोरोना संक्रमित मृत हुए हैं। विश्‍व के कई प्रमुख देशों में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर उठी है। कोरोना वायरस के नए ‘स्ट्रेन’ विकसित हो रहे हैं और इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का माहौल बना हुआ है।

फिलहाल विश्‍वभर में कोरोना की पांच से अधिक वैक्सीन उपलब्ध हैं और अभी भी नई वैक्सीन्स का निर्माण हो रहा है। टीकाकरण कोरोना की महामारी के खिलाफ सबसे प्रभावी इलाज साबित होने की बात कुछ देशों की घटनाओं से सामने आयी है। विश्‍व के प्रमुख संगठन और कई देशों के विशेषज्ञ भी टीकाकरण की गति बढ़ाने की भूमिका पर ज़ोर दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर डॉ.मारिआ वैन केर्खोव का बयान चिंता बढ़ानेवाला साबित हुआ है।

‘भविष्य में कोरोना वायरस में कई बदलाव आएंगे और इससे नए प्रकार विकसित हो सकते हैं। इन नए प्रकारों के खिलाफ वैक्सीन निष्प्रभ साबित होने की संभावना है। कोरोना के खिलाफ अधिक प्रभावी वैक्सीन विकसित करने की कोशिश जारी है, फिर भी केवल इस पर निर्भर रहना संभव नहीं होगा। इस महामारी के खिलाफ अन्य स्वास्थ्य संबंधी प्रावधानों का इस्तेमाल भी आवश्‍यक साबित होगा’, ऐसा इशारा ‘डब्ल्यूएचओ’ की विशेषज्ञा डॉ.केर्खोव ने दिया।

डॉ.केर्खोव से पहले वैक्सीन विकसित करने में जुटे कुछ वैज्ञानिकों ने भी बीते महीने में नए ‘वेरियंटस्‌’ के खिलाफ मौजूदा वैक्सीन प्रभावी साबित ना होने का बयान किया था। ‘कोरोना का विषाणु जैसे अधिक से अधिक फैल रहा है, वैसे ही उसमें तेज़ी से बदलाव होकर नए प्रकार ‘वेरियंटस्‌’ विकसित हो रहे हैं। फिलहाल देश में लगाई जा रही वैक्सीन्स में से कुछ वेरियंटस्‌ पर ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुई हैं’, यह इशारा वैक्सीन विकसित करने में शामिल वैज्ञानिकों ने दिया था।

बीते कुछ महीनों में ब्रिटेन, ब्राज़िल, दक्षिण अफ्रीका और भारत में कोरोना के नए और घातक प्रकार सामने आए हैं और इससे संक्रमण दोबारा तेज़ होने की बात स्पष्ट हुई थी। भारत में पहले देखा गया ‘डेल्टा वेरियंट’ नामक प्रकार कई देशों में काफी तेज़ संक्रमित होने की जानकारी भी सामने आयी है।

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