नेदरलैंड को हर शरणार्थियों पर लाखों डॉलर खर्च करने होंगे – प्रख्यात गणितज्ञ की चेतावनी

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ऐम्स्टर्डैम – यूरोपीय देशों में अफ्रीका और आशिया खंड से आनेवाले शरणार्थियों के विरोध में असंतोष बढ़ता जा रहा है। पर यूरोपीय देशों में वृद्धों की संख्या बढ़ रही है और यूरोपीय देशों को नौजवान शरणार्थियों की आवश्यकता है, ऐसा दावा कुछ नेता और अर्थविशेषज्ञ कर रहे है। इसलिए धर्मांध दृष्टिकोण से इस समस्या को देखकर यूरोप के देशों की जनता अपना नुकसान ना करे, ऐसी सलाह इन नेताओं से तथा वित्ततज्ञ से दी जा रही है। यह दावा सबूत के साथ सिद्ध करने के लिए आंकडे दिखाए जा रहे है। पर शरणार्थियों की वजह से यूरोपीय देशों की वित्त व्यवस्था मजबूत होने के बदले कंगाल होगी ऐसा एक गणितज्ञ ने प्रमाण के साथ कहा है।

गणितज्ञ

जैन वैन बिक गणितज्ञ ने नेदरलैंड में आए हुए शरणार्थीयों की संख्या और उन पर हो रहे खर्च की जानकारी दी है। सन २०१४ में नेदरलैंड में २० हजार शरणार्थी दाखिल हुए थे। तथा २०१५ में इस देश में आए हुए शरणार्थियों की संख्या ५४ हजार तक गई है। सन २०१६ में यह संख्या ३१ हजार पर थी। २०१७ में और इस वर्ष में नेदरलैंड में दाखिल हुए शरणार्थियों की संख्या १ लाख २१ हजार के आगे गई है। इन शरणार्थियों में सीरिया, अफगानिस्तान, इराक, ईरान इन देशों में से आए हुए अधिकतम लोग हैं, इसकी तरफ जैन वैन बिक ने ध्यान केन्द्रित किया है।

इसका अर्थ नेदरलैंड में पाश्चिमात्य न होनेवाले शरणार्थी अधिक संख्या से दाखिल हुए हैं। इससे नेदरलैंड की लगभग पौने दो लाख जनसंख्या जनता पर तनाव जरूर पडता दिखेगा, क्योंकि इनमें से हर एक शरणार्थियों पर उनके जीवन भर में नेदरलैंड की जनता को लगभग ११ लाख ५० हजार डॉलर खर्च करना होगा, ऐसी चेतावनी जैन वैन बिकने दी है। जो शरणार्थि अपने परिवार के साथ आये हैं, उनपर होनेवाला खर्च ४ गुना बढ़ने वाला है, क्योंकि इन शरणार्थियों की पत्नी और उनके बच्चों का भी खर्च उसमें पकड़ना होगा, ऐसा जैन वैन बिक ने कहा है।

इसकी वजह से शरणार्थी यूरोपीय देशों की वित्त व्यवस्था अधिक सक्षम करेंगे, यह भ्रामक सोच होने के संकेत जैन वैन बिक ने दिए हैं। इसके विपरीत इसका अतिरिक्त बोझ यूरोप को सहन करना होगा ऐसा गणितज्ञ ने दिखाया है।

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