अमरिका के दबाव में नेदरलैंड ने चीन को प्रगत तकनीक देना रोक दिया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन/एमस्टरडॅम/बीजिंग – अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और प्रशासन ने नेदरलैंड पर दबाव बनाकर चीन को हो रही प्रगत तकनीक की निर्यात रोकने की बात स्पष्ट हुई है| अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ और व्हाईट हाउस के वरिष्ठ अफसरों ने इसके लिए पहल करने की बात सामने आयी है| कुछ दिन पहले ही अमरिका के वाणिज्य विभाग ने चीन कोआर्टिफिशल इंटेलिजन्सका इस्तेमाल होनेवालेजिओस्पेशिअल इमेजरी सॉफ्टवेअरकी निर्यात करने पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था|

अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने वर्ष २०१८ में चीन के विरोध में व्यापारयुद्ध घोषित किया था| इस व्यापारयुद्ध की गुंज निवेष और प्रगत तकनीकी क्षेत्र में भी उठी है| चीन ने किसी भी स्थिति में अमरिका को पीछे छोडकर महासत्ता बनने की महत्वाकांक्षा रखकर आक्रामक कदम उठाना शुरू किया है| इसके लिए प्रगत तकनीक का इस्तेमाल करने पर जोर दिया है और इसी बलबुते पर अमरिका को शह देने की कोशिश चीन कर रहा है

पिछले दशक से चीन ने अमरिका एवं यूरोप की नामांकित तकनीकी कंपनियों में बडा निवेष करने की बात सामने आयी?थी| निवेष के बलबुते पर दबाव बनाकर अधिक से अधिक प्रगत और संवेदनशील तकनीक प्राप्त करने की योजना भी चीन ने बनाई थी| दुसरी ओर सायबर हमलें और जासूसी के जरिए भी प्रगत तकनीक की चोरी करने के लिए चीन की कोशिश शुरू है| इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने यह मुद्दा काफी गंभीरता से लिया है और चीन को प्रगत तकनीक प्राप्त करने से रोकने की कोशिश भी शुरू की है|

नेदरलैंड कीएएसएमएलयह कंपनीचिप मैन्युफैक्चरिंग टेक्नॉलॉजीक्षेत्र की प्रमुख कंपनीयों में से एक जानी जाती है| इस कंपनी ने मायक्रोप्रोसेसर और मायक्रोचिप्स तैयार करने के लिए जरूरीलिथोग्राफीप्रोसेस की प्रगत यंत्रणा विकसित की है| इस कंपनी के अलावा इस तरह की यंत्रणा दुनिया की चुनिंदा कंपनियों के हाथ में है और इनमें इंटेल, सैमसंग और टीएसएमसी का समावेश है

चीन में यह तकनीक एवं चिप्स तैयार करने की जिम्मेदारीएसएमआयसीकंपनी के हाथ में है| इस कंपनी ने नेदरलैंड की कंपनी के साथ समझौता किया था| इसके अनुसारएएसएमएलयह कंपनी प्रगत लिथोग्राफी मशिनरी चीन को निर्यात करने की तैयारी में थी| पर, अंतरराष्ट्रीय कानून एवं नेदरलैंड के नियमों के अनुसार ऐसी निर्यात के लिए विशेष अनुमति की जरूरत होती है| नेदरलैंड की सरकार ने शुरू में जारी किए परवानों के तहेत यह मशिनरी निर्यात नही हो सकी थी|

इसके बाद पिछले वर्ष नेदरलैंड की सरकार नेएएसएमएलकंपनी को यह परवाना देने से इन्कार किया और यह मशिनरी निर्यात ना होने की बात सामने आयी| इसके पीछे अमरिका ने बनाया दबाव कारण होने की बात समझी जा रही है| अमरिका के विदेशमंत्री माईक पोम्पिओ ने नेदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रुट्ट के साथ हुई भेंट के दौरान चीन को प्रगत तकनीक निर्यात करने के खतरें दिखाए थे| इसके बाद रुट्ट की अमरिका यात्रा के दौरान भी वर्णिथ तकनीक के इस्तेमाल से संबंधित सुरक्षाविषयक रपट दिया गया|

अमरिका की इन कोशिशों के कारण नेदरलैंड की सरकारएएसएमएलका निर्यात परवाना ठुकराने लिए मजबूर होेने की बात कही जा रही है| व्हाईट हाउस, नेदरलैंड सरकार एवं चीन की कंपनी ने?इस मुद्दे पर बयान देने से इन्कार किया है| पर, इस घटना से ट्रम्प प्रशासन चीन को प्रगत तकनीक देने से इन्कार करने के लिए कितनी आक्रामक भूमिका अपना सकता है, यही बात इससे दिखाई पडी है| इस वजह से आगे के दौर में चीन को प्रगत तकनीक प्राप्त करने के लिए कडा संघर्ष करना होगा, यही संकेत प्राप्त हो रहे है|

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