नेपाल भारत के साथ संबंध और दृढ़ करेगा – नये प्रधानमंत्री शेर बहादूर देउबा का आश्‍वासन

काठमांडू – नेपाल के नए प्रधानमंत्री शेर बहादूर देउबा ने, भारत और नेपाल के संबंध अधिक दृढ़ बनाए जाएंगे, ऐसा घोषित किया है। प्रधानमंत्री पद पर बैठने के बाद देउबा का भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनंदन किया था। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यकाल में नेपाल भारत से दूर गया और चीन के चंगुल में फँसा था । इस कारण, नए प्रधानमंत्री ने नेपाल और भारत के संबंधों का महत्व अधोरेखांकित करना, यह सामरिक दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण बात साबित होती है।

India-Deuba-Nepalभारत और नेपाल के संबंध अधिक से अधिक दृढ़ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर हम काम करेंगे, ऐसा प्रधानमंत्री देउबा ने घोषित किया। उससे पहले देउबा को बधाई देते समय, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और नेपाल का सहयोग व्यापक किया जाएगा, ऐसा विश्वास ज़ाहिर किया था। इसी बीच, पिछले कुछ सालों से नेपाल पर चीन का प्रभाव प्रचंड भारी मात्रा में बढ़ा हुआ सामने आ रहा था। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने, भारत यह नेपाल का शत्रु होने जैसी आक्रामक नीति अपनाई थी। भारत के साथ बने सीमा विवाद को अवास्तविक महत्व देकर शर्मा ओली ने चीन के साथ नजदीकियाँ बढ़ाईं थीं। इस मौके का फ़ायदा उठाकर चीन ने नेपाल पर अपनी पकड़ मज़बूत की।

India-Deuba-Nepal-01चीन के बढ़ते वर्चस्व के कारण नेपाल में लोकतंत्र वादी नेता बेचैन हुए थे। चीन का पुरस्कार करनेवाले नेता के रूप में मशहूर पुष्पकमल दहल प्रचंड भी चीन के नेपाल में बढ़ते वर्चस्व की ओर खतरे के रूप में दिखने लगी थी, यह बात सामने आई थी। पिछले साल लद्दाख की एलएसी पर भारत और चीन की लकीरों के बीच संघर्ष उद्भव इस होने के बाद कॉम ने पाकिस्तान समेत नेपाल का भी इस्तेमाल करके तीन तरफ से भारत को घेरने की धमकियां दी थी। इसी दौर में नेपाल के लश्कर ने भारतीय सीमा पर गतिविधियां बढ़ाईं और यह चीन के इशारे पर केपी ओली शर्मा ने करवाने के आरोप हुए थे। केपी शर्मा ओली की गठबंधन सरकार उनकी इसी प्रकार की गैर जिम्मेदाराना की नीतियों के कारण अस्थिर बनी और कुछ पार्टियों ने इस सरकार को दिया समर्थन हटा दिया था।

उससे राजनीतिक पेचींदा हालात पैदा होने के बाद नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने शेर बहादूर देउबा की प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त करने के आदेश दिए। नेपाल में फिर से राजनीतिक स्थिरता स्थापित करने की चुनौती प्रधानमंत्री देउबा के सामने है। नेपाल की संसद में अपना बहुमत सिद्ध करके देउबा ने इस मोरचे पर पहला पड़ाव हासिल किया दिख रहा है। लेकिन आनेवाले समय में कोरोना की महामारी का मुकाबला करके नेपाल की अर्थव्यवस्था को सँवारना और चीन का वर्चस्व कम करना, ये चुनौतियाँ देउबा को स्वीकारनी होंगी। इसके लिए नेपाल की सरकार को भारत से सहयोग अपेक्षित है, यह स्पष्ट रूप में दिख रहा है। प्रधानमंत्री देउबा ने भारत के प्रधानमंत्री को भेजे संदेश में इसका प्रतिबिंब पड़ा हुआ दिख रहा है। 

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