सन २०१५ के भूकंप में ध्वस्त हुए सौ से अधिक प्रोजेक्ट्स के पुनर्निर्माण के लिए नेपाल का भारत के साथ समझौता

काठमांडू – नेपाल में कम्युनिस्ट सरकार बदलने के बाद भारत और नेपाल की बीच खींचे गए संबंध सामान्य होने लगे हैं। भारत और नेपाल के बीच एक अहम समझौता संपन्न हुआ होकर, इसके अंतर्गत भारत नेपाल में सौ से भी अधिक प्रोजेक्ट्स का पुनर्निर्माण कराके देनेवाला है। सन २०१५ में हुए भीषण भूकंप में बड़ा नुकसान हुआ था। इनमें से १४ ये पुरातन वास्तुएँ हैं।

प्रोजेक्ट्स के पुनर्निर्माणप्रोजेक्ट के पुनर्निर्माण के संदर्भ में शुक्रवार को भारत और नेपाल के बीच सामंजस्य समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। नेपाल स्थित भारत का दूतावास और नेपाल की ‘सेंट्रल लेव्हल प्रोजेक्ट इम्लिमेंटेशन युनिट ऑफ रिक्नस्ट्रक्शन ऑथॉरिटी’ के बीच यह समझौता संपन्न हुआ है। सन २०१५ में नेपाल में हुए प्रचंड बड़े भूकंप में नेपाल में हाहाकार मचा था। इसमें ९ हज़ार लोगों की मृत्यु हुई थी। वहीं, कई प्राचीन वास्तुएँ, धार्मिक स्थल इनके साथ विभिन्न प्रोजेक्ट्स का भी नुकसान हुआ था। साथ ही, ८ लाख से अधिक घर और इमारतें ढह गईं थीं। इस संकट में नेपाल को सबसे पहले सहायता भारत ने प्रदान की थी। साथ ही, नेपाल में बड़ी बचाव मुहिम भारत ने चलाई थी और इमरजेंसी आर्थिक सहायता भी प्रदान की थी।

इस संकट से बाहर निकलने के लिए और नेपाल को फिर से खड़ा करने के लिए भारत हर संभव सहायता करेगा, ऐसा यकीन उस समय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल को दिलाया था। उसके अनुसार भारत ने घरों, इमारतों के निर्माण समेत नेपाल को बड़े पैमाने पर सहायता की है। उसी पृष्ठभूमि पर, और कुछ प्रोजेक्ट्स का पुनर्निर्माण भारत नेपाल को कराके देनेवाला है।

भारत और नेपाल के बीच संपन्न हुए सामंजस्य समझौते के अनुसार भारत ललितपूर, नवाकोट, रासूवा, धंदिंग स्थित १४ पुरातन सांस्कृतिक वास्तुओं का पुनर्निर्माण करानेवाला है। साथ ही, लितपूर, रासूवा, नवाकोट, सिंधुपलचौक, रामेछप, डोलखा, गुलमी, गोरखा और कावरे जिलों में १०३ स्वास्थ्य प्रोजेक्ट्स का निर्माण भी भारत करनेवाला है। इसके लिए ४२० करोड़ नेपाली रुपैया इतना खर्चा आनेवाला है।

सन २०१५ के भूकंप के बाद भारत ने नेपाल को २५ करोड़ डॉलर्स की इमरजेंसी सहायता की थी। इसमें से शैक्षणिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य सुविधा प्रोजेक्ट का निर्माण किया जानेवाला था। वहीं, १० करोड़ डॉलर्स की सहायता यह गिरीं हुईं इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए की गई थी। इसके अंतर्गत ७१ शैक्षणिक प्रोजेक्ट्स, २८ पुरातन वास्तु प्रोजेक्ट्स, १४७ स्वास्थ्य प्रोजेक्ट्स और ५० हज़ार घरों का निर्माण जारी है।

नेपाल में के. पी. ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद सत्ता में आई नेपाल कॉंग्रेस की संयुक्त गठबंधन सरकार ने, प्रधानमंत्री शेर बहादूर देउबा के नेतृत्व में भारत के साथ संबंध पहले जैसे करने की कोशिश शुरू की है। चीन हालाँकि नेपाल का अच्छा मित्र है, फिर भी भारत की मित्रता विशेष है। चीन भारत का स्थान कभी भी नहीं ले सकता, ऐसा कुछ ही दिन पहले नेपाल कॉंग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था। साथ ही, भारत के साथ सीमा विवाद यह चर्चा के माध्यम से सुलझाएँगे, ऐसी स्पष्ट भूमिका विद्यमान नेपाल सरकार ने अपनाई है।

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