नेपाल के प्रधानमंत्री भारत के दौरे पर

नई दिल्ली: भारत विरोध एवं चीन समर्थक धारणाओं के लिए प्रसिद्ध होने वाले नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ३ दिन के भारत दौरे पर आए हैं। दक्षिण एशियाई देशों में भारत एवं चीन का प्रभाव बढ़ाने के लिए बेहद प्रयत्न कर रहे है और यह स्पर्धा अब उच्चतम स्तर पर पहुंची है, ऐसे समय में नेपाल के प्रधानमंत्री की यह भारत भेंट अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली इनके साथ संयुक्त निवेदन में बिहार के रक्सौल से नेपाल के काठमांडू तक नए रेलमार्ग की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की है। तथा दोनों देशों को जल मार्ग से जोड़ने के लिए भारत नेपाल को मदद करेगा, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है। रक्षा और कृषि क्षेत्र में भारत नेपाल में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया है ऐसी बात प्रधानमंत्री मोदी ने को ही घोषित की है।

के.पी.शर्मा ओली, भारत दौरे पर, भारत, चीन, प्रभाव बढ़ाने, महत्वपूर्ण, नई दिल्ली, दक्षिण एशियाईपिछले महीने में के.पी.ओली यह नेपाल के प्रधानमंत्री पद पर फिर से विराजमान हुए थे। चीन समर्थक होनेवाले प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली ने भारत में पहुंचने पर चीन के ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) परियोजना के विषय में पत्रकारों से पूछे हुए प्रश्न को उत्तर देने की बात टाली है। नेपाल ओबीओआर की तरफ स्थिर रूप से देख रहा है और एक सार्वभौम एवं स्वतंत्र देश के तौर पर नेपाल चीन एवं अन्य देशों के साथ संबंध विकसित कर रहा है, ऐसा उसने कहा है। तथा २१ वे शतक का वास्तविकता ध्यान में रखते हुए दोनों देशों में संबंध अधिक मजबूत करने के लिए हम भारत में आए हैं, ऐसा नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा है।

प्रधानमंत्री ओली यह भारत में आने से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने नेपाल का दौरा किया था। उसके बाद नेपाल ने पाकिस्तान में सार्क परिषद का आयोजित करने के लिए समर्थन दिया था। इसकी वजह से नेपाल के नए प्रधानमंत्री हम भारत के पक्ष में खड़े रहने के लिए उत्सुक ना होने की बात दिखाई दे रही है।

दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं प्रधानमंत्री के.पी.ओली इनकी संयुक्त पत्रकार परिषद में दोनों देशों में पारंपारिक मैत्रीपूर्ण संबंध के दाखिले दिए गए हैं। तथा यह सहयोग मजबूत करने की दृष्टि से कई घोषणाएं की जा रही है। पर प्रधानमंत्री की चर्चा में नेपाल में चीन के परियोजना का मुद्दा उपस्थित करने का वृत्त है। नेपाल को चीन के सहयोग से ऊर्जा प्रकल्प निर्माण करने का अधिकार है, पर भारत इस प्रकार से निर्माण होने वाले बिजली की खरीदारी नहीं करेगा, ऐसा भारत ने नेपाल को सूचित करने की खबरें सामने आई थी।

दौरान, चीन में नेपाल के प्रधानमंत्री का भारत दौरे को महत्त्व दिया जा रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान हुए नेपाली प्रधानमंत्री अपने पहले विदेशी दौरे के लिए भारत का चुनाव करते हैं, पर अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति बदलने से नेपाल के प्रधानमंत्री का यह दौरा थोड़ा अलग हो जाता है, ऐसा चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने लेख में कहा है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने पड़ोसी देशों के बारे में स्वीकार हुए संतुलन रूप की धारणा कि चीन के विदेश मंत्रालय ने प्रशंसा की है।

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