चीन की आक्रामकता के खिलाफ जागतिक गठबंधन ज़रूरी – ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड

केविन रुडलंदन/कैनबेरा/बीजिंग – आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चीन द्वारा हो रहीं जोर-जबरदस्ती के खिलाफ विश्‍वभर के देशों की एकजूट होने की आवश्‍यकता हैं, ऐसी चेतावनी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविन रुड ने दी है। चीन के खिलाफ यदि एकजूट नहीं हुई, तो चीन हर एक देश को अलग-थलग करके उसको घेरने का खतरा है, यह इशारा भी रुड ने दिया। चीन समर्थक नेता के तौर पर पहचान होनेवाले रुड के ये बयान ध्यान आकर्षित करते हैं।

ऑस्ट्रेलिया औड़ चीन के संबंध बीते कुछ वर्षों में बिगड़ रहे हैं। इसके पीछे हुवेई पर लगाई पाबंदी, जागतिक स्वास्थ्य संगठन में चीन के विरोध में अपनाई भूमिका, साउथ चायना सी के मुद्दे पर अपनाई आक्रामक नीति, हाँगकाँग और तैवान के मुद्दों पर किए बयान, इन जैसें मुद्दे कारण बने हुए हैं। साथ ही, चीन की ऑस्ट्रेलिया में बढ़ रही दखलअंदाज़ी के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई का मुद्दा भी अहम साबित हुआ है। ऑस्ट्रेलिया की आक्रामकता को प्रत्युत्तर देने के लिए चीन ने सीधा व्यापारयुद्ध शुरू किया है और ऑस्ट्रेलियन उत्पादनों की आयात पर पाबंदी एवं कर लगाए हैं।

इस पृष्ठभूमि पर, पूर्व प्रधानमंत्री रुड ने चीन के खिलाफ विश्‍व के अलग अलग देशों ने एकजूट करने का आवाहन करना अहम साबित होता है। रुड ने ब्रिटीश समाचार चैनल ‘बीबीसी’ को दिए साक्षात्कार के दौरान, चीन के बढ़ते प्रभाव के विरोध में विश्‍व में नई भू-राजनीतिक व्यवस्था स्थापित हो सकती है, यह संकेत दिए। ‘यदि चीन की नीति और निर्णय के विरोध में नाराज़गी जतानी है, तो इससे संबंधित भूमिका अन्य समविचारी देशों को साथ लेकर अपनानी होगी। यदि अकेले देश ने विरोध करना तय किया, तो द्विपक्षीय माध्यम से चीन की हुकूमत आसानी से दबाव बना सकती है, इसे ध्यान में रखें’, यह चेतावनी भी पूर्व प्रधानमंत्री रुड ने दी है।

‘चीन को किसी मुद्दे पर सुनाने की कोशिश करना उसे पसंद नहीं आता और इससे विवाद भड़क सकता है। लेकिन ऐसा समज़ने की ज़रूरत नहीं कि अगर कोई बात चीन को पसंद नहीं हैं, इसलिए अन्य देश उसे करें ही नहीं’, यह सलाह भी रुड ने प्रदान की। साथ ही, उन्होंने ऑस्ट्रेलियन सरकार की चीन विरोधी मौजूदा नीति को लेकर भी नाराज़गी जताई। वर्तमान सरकार की नीति यानी कर्कश आवाज़ में जारी बयानबाज़ी होने की आलोचना भी उन्होंने की।

पूर्व प्रधानमंत्री रुड के इस बयान पर चीन के माध्यमों की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई हैं। चीन की सरकार का मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने सवाल किया है कि चीन के मित्र होने का दिखावा कर रहें रुड क्या विश्‍वासघात कर रहे हैं। साथ ही, अगर रुड ने अपनी भाषा ऐसी ही रखी, तो चीन के बदलते नज़रिये की आँच उनतक पहुँचे बिना नहीं रहेगी, यह चेतावनी भी दी है।

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