आतंकवाद एवं बच्चोंपर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए ‘सोशल मीडिया’ में ‘बैकडोअर एक्सेस’ की जरूरत – ‘फाईव्ह आईज अलायन्स’ देशों की गुप्तचर यंत्रणाओं की मांग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरलंदन – आतंकी हमलें एवं छोटे बच्चों पर हो रहे अत्याचार रोकने के लिए ‘फेसबुक’, ‘व्हॉटस् एप’ जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स गुप्तचर यंत्रणाओं के लिए विशेष मार्ग उपलब्ध करें, यह मांग ब्रिटेन में एक विशेष बैठक में की गई है| बिटेन की राजधानी लंदन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्र एवं प्रभावी गुट के तौर पर जाने जा रहे ‘फाईव्ह आईज् अलायन्स’ की बैठक शुरू हुई है| इस बैठक में सायबर सुरक्षा के मुद्दे को प्राथमिकता दी गई है और इसमें सोशल मीडिया से जुडी मांग आगे रखने की बात कही जा रही है|

अमरिका और ब्रिटेन की गुप्तचर यंत्रणाओं ने दुसरे विश्‍वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर एक होकर सहयोग करने के लिए समझौता किया था| इसके बाद इस समझौते में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूझीलैंड को शामिल किया गया है| इन पांच देशों का गुट ‘फाईव्ह आईज अलायन्स’ के तौर पर पहचाना जा रहा है| रशिया के विरोध में शीतयुद्ध के दौरान यह सहयोग काफी मजबूत करने के लिए कदम उठाए गए थे| इन देशों की गुप्तचर यंत्रणाओं में एक दुसरे की सहायता करने के साथ ही एक दुसरे के विरोध में अन्य देशों को प्राप्त जानकारी ना देने का प्रावधान किया गया है|

पीछले वर्ष से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर माहीती एवं तकनीकी क्षेत्र की बडी कंपनियों की एकाधिकारशाही और अन्य मुद्दों पर बडी चर्चा शुरू है| अमरिका, फ्रान्स, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों में ‘बिग टेक’ के तौर पर जाने जा रही इन कंपनियों के विरोध में कार्रवाई करने की तैयारी शुरू हुई है| इसमें संबंधित कंपनियों पर कर लगाना एवं पहले कि हुई गलतियों के लिए जुर्माना लगाना, इसका इस्तेमाल ग्राहकों की जानकारी पर नियंत्रण रखने के लिए प्रावधान करने हेतू हो, इन बातों का समावेश है|

साथ ही दुनिया के अलग अलग हिस्सों में सक्रिय आतंकी गुटों से एवं अपराधियों की टोलियों से इंटरनेट का प्रभावी इस्तेमाल होने की बात अलग अलग रपटों से लगातार सामने आ रही है| प्रगत देशों की गुप्तचर एवं सुरक्षा यंत्रणा भी इस तरह के इस्तेमाल पर नियंत्रण रखने में नाकामयाब हुई है| इनमें सोशल मीडिया प्लैटफॉम्स’ का ढांचा और गोपनियता के लिए किए गए प्रावधान कारण बना है| आतंकी हमलें और अपराधियों के गिरोहों की हरकतें, रोकने के लिए एवं अपराधिक घटनाओं की जांच करने के लिए इस प्लैटफॉर्म्स का ‘एक्सेस’ प्राप्त होना काफी अहम होने की बात गुप्तचर यंत्रणाओं ने रखी है|

‘फाईव्ह आईज अलायन्स’ यह दुनिया में सबसे अधिक प्रभावी और प्रमुख गुटों में से एक होने की बात कहकर इस गुट से हो रही मांग ध्यान आकर्षित करती है और यह मांग मंजूर होने पर माहिती एवं तकनीकी क्षेत्र में बडी खलबली मचेगी, यह दावा किया जा रहा है|

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