भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में सुव्यवस्था रखने का सामर्थ्य रखती है – नौदल स्टाफ के प्रमुख करमबीर सिंह की गवाही

नई दिल्ली – भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने पांच टिलियन डॉलर्स का ध्येय है। इसके लिए ब्लू इकॉनॉमी को गति प्रदान करनी होगी। इसके लिए सरकार की कोशिश जारी है और इसके लिए आवश्‍यक नीति को ज़रूरी सहायता प्रदान करने का सामर्थ्य भारतीय नौसेना रखती है, यह बात नौसेनाप्रमुख ऐडमिरल करमबिर सिंह ने स्पष्ट की। हिंद महासागर क्षेत्र में व्यवस्था कायम रखने के लिए आवश्‍यक स्त्रोत, साधन एवं कुशलता भारत रखता है, इस बात का अहसास भी नौसेनाप्रमुख ने कराया। हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की हरकतों पर चिंता जताई जा रही है और इसी बीच भारतीय नौसेनाप्रमुख ने देश के सामर्थ्य के विषय में भरोसा दिलानेवाला यह बयान करना ध्यान आकर्षित करता है।

हिंद महासागर

‘फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स ऐण्ड इंडस्ट्री’ ने आयोजित किए वेबिनार में बोलते समय नौसेनाप्रमुख ने हिंद महासागर क्षेत्र की अहमियत रेखांकित की। इस क्षेत्र में चीन की हरकतें बढ़ रही हैं और चीन के विस्तारवाद का खतरा हिंद महासागर क्षेत्र को होने की बात कई बार स्पष्ट हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर ऐडमिरल करमबिर सिंह ने भारतीय नौसेना के सामर्थ्य को लेकर भरोसा व्यक्त करके देश को आश्‍वस्त किया। हिंद महासागर क्षेत्र पर नज़र रखने के लिए और इस क्षेत्र की व्यवस्था बरकरार रखने के लिए आवश्‍यक स्त्रोत, साधन और कुशलता भारतीय नौसेना रखती है, यह बात नौसेनाप्रमुख ने स्पष्ट की। साथ ही सरकार की ‘ब्लू इकॉनॉमि’ से संबंधित नीति को आवश्‍यक हर सहायता करने का सामर्थ्य भारतीय नौसेना रखती है, यह बात भी नौसेनाप्रमुख ने आगे कही।

‘इंडियन ओशन रिम असोसिएशन’ (आयओआरए) नामक संगठन के २३ देश सदस्य है और ब्लू इकॉनॉमि को गति प्रदान करने के लिए यह देश संयुक्त कोशिश करें, इसके लिए भारत ने कदम बढ़ाएँ हैं। कोरोना संक्रमण के कारण अर्थव्यवस्था के सामने चुनौतियों की पृष्ठभूमि पर समुद्री अर्थकारण को गति प्रदान की तो वह अर्थव्यवस्था को गति देनेवाला नया इंजन बनेगा, ऐसा विश्‍वास नौसेनाप्रमुख करमबिर सिंह ने व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्लू इकॉनॉमी’ के मोर्चे पर भारत जागतिक स्तर का प्रमुख देश बन रहा है, ऐसा कहा था। इसके लिए समुद्री अर्थकारण से संबंधित सभी घटकों का समन्वय और सहयोग बढ़ाने की कोशिश शुरू हुई है। इसमें भारतीय नौसेना का भी समावेश है, इस ओर ऐडमिरल करमबिर सिंह ने ध्यान आकर्षित किया।

देश के बड़े समुद्री क्षेत्र का अर्थव्यवस्था को उचित लाभ प्राप्त कराने के लिए आवश्‍यक पूरा सहयोग नौसेना करेगी, यह बात भी नौसेनाप्रमुख ने इस दौरान स्पष्ट की।

७५१६ किलोमीटर लंबाई का तट, १४५०० किलोमीटर के अंतर्देशीय जलमार्ग और १३८२ द्विपों का स्त्रोत भारत के हाथों में है। इस वजह से भारत की ‘ब्लू इकॉनॉमी’ को अगले दिनों में नए बड़े अवसर प्राप्त होंगे। इसमें ऊर्जा से पर्यावरण, मच्छी मारी से पर्यटन तक के मुद्दों का समावेश होगा, यह दावा नौसेनाप्रमुख ने किया। ‘इंडियन ओशन रिम’ नाम से पहचाने जा रहे इस क्षेत्र के सभी स्त्रोत अपनी अर्थव्यवस्था के लिए इस्तेमाल करने का लक्ष्य भारत ने सामने रखना होगा, ऐसी उम्मीद भारतीय नौसेनाप्रमुख ने व्यक्त की। भारतीय मछुआरे देश के समुद्री क्षेत्र में मौजूद अवसरों में से मात्र ७० प्रतिशत ही मच्छी मारी करते हैं। लेकिन अब गहरे समुद्र में मच्छी मारी के अवसर प्राप्त करना आवश्‍यक हैं, ऐसा ऐडमिरल करमबिर सिंह ने कहा।

साथ ही देश के तटीय क्षेत्र का इस्तेमाल करके करीबन ३०० गिगावाट पवन ऊर्जा का निर्माण मुमकिन हो सकता है। इनमें से मात्र दस प्रतिशत पवन ऊर्जा निर्माण करने की कोशिश हो रही है, इस ओर नौसेनाप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया। फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘ब्लू इकॉनॉमी’ का लगभग ४ प्रतिशत योगदान हैं। लेकिन, ब्लू इकॉनॉमी देश की अर्थव्यवस्था के इससे कई गुना अधिक बड़ा योगदान दे सकती है, यह विश्‍वास ऐडमिरल करमबिर सिंह ने व्यक्त किया है।

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