अंदमान निकोबार के निकट चीन की नौसेना कर रही है गश्त

चेन्नई: भारत के अंदमान निकोबार द्वीप के पास चीन की नौसेना गश्ती कर रही है| चीनी नौसेना की गश्ती करनेवाले जहाज भारतीय नौसेना के अड्डों पर नजर रख रहे है, यह बात भी इस वजह से फिर एक बार सामने आई है| इंडो-पैसिफिक सागरी क्षेत्र में चीन की नौसेना की आक्रामकता को रोकने के लिए अमरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया ने शुरू किए प्रयत्नों को भारत से प्रतिक्रिया मिल रही है और यह सहयोग क्वाड के तौर पर प्रसिद्ध है| इस पृष्ठभूमि पर भारत के सामरिक दबाव बढ़ाने के लिए चीन यह प्रयत्न करता दिखाई दे रहा है|

चीन की नौसेना में मौजुद दौंगदियो यह गश्ती नौका पिछले कुछ दिनों से अंदमान निकोबार द्वीप के पास मंडरा रही है| पास ही भारत का ‘एक्सक्लूसिव इकोनामिक झोन’ है| पिछले दो हफ्तों से वहां पर घूम रही दौंगदियो यह चीन की नौसेना का प्रगत गश्ती जहाज माना जा रहा है| भारतीय सागरी क्षेत्र के पास इस जहाज का घूमना खतरे की सूचना देनेवाला है| भारत ने चीन की इस हरकत पर गंभीरता से ध्यान दिया है| यह जहाज इस क्षेत्र में यकीनन कौन सी एवं कितनी जानकारी प्राप्त कर रहा है, इसपर भारतीय यंत्रणा की जांच शुरू है|

इससे पहले भी चीन ने अपने युद्धपोत एवं पनडुब्बियां श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश तथा पाकिस्तान में भेजकर, इसके जरिए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी| इसके लिए चीन ने इन देशों में मौजुद भारत विरोधी शक्तियों का उपयोग किया है|

पर श्रीलंका एवं मालदीव में चीन समर्थक सरकार उठकर वहां पर जनतांत्रिक सरकार सत्ता पर आने के बाद चीन के भारत विरोधी षडयंत्र को बहुत बड़ा झटका लग रहा था| फिर भी चीन अपनी नौसेना का सामर्थ्य भारत के विरोध में उपयोग करने की साजिश बना रहा है| इसका पूर्ण एहसास होनेवाले भारत ने चीन की इस व्यूहरचना को उत्तर देने की जोरदार तैयारी शुरू की है|

अंदमान निकोबार में भारतीय नौसेना का अड्डा अधिक आधुनिक किया जा रहा है और इस सागरी क्षेत्र से जानेवाले सभी जहाजों की जानकारी भारतीय नौसेना के अड्डों पर उपलब्ध हो रही है| इतना ही नहीं बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में छोटे देशों के साथ भारत का सागरी सहयोग अधिक दृढ़ किया जा रहा है और इसकी वजह से चीन की गतिविधियां बड़े तादाद में नियंत्रित हो रही है| फिर भी चीन हिंदी महासागर क्षेत्र में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए अलग-अलग विकल्पों का उपयोग कर रहा है| विशेष रूप से भारत क्वाड में शामिल होने के बाद चीन अधिक बेचैन हुआ है|

आनेवाले समय में चीन के नौसेना में लगभग १० विमानवाहक युद्धनौका होंगे| चीन की नौसेना के इश बढ़ते सामर्थ्य का मुकाबला करना है, तो भारत के बेडे में कम से कम तीन विमान वाहक युद्धनौका होना अपेक्षित होने की बात नौसेना प्रमुख ने कुछ दिनों पहले कही थी|

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