रशिया के नैसर्गिक आपत्तियों का स्वरूप अभूतपूर्व – राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

नैसर्गिक आपत्तियोंमास्को – रशिया में इस वर्ष देखी गई नैसर्गिक आपत्तियों का दायरा अभूतपूर्व होने का इशारा राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दिया है। रशिया के दक्षिणी हिस्सों में महीने में गिरने वाली बारिश की मात्रा कुछ घंटों में गिर रही है और पूर्वीय क्षेत्र में सूखा पड़ने की वजह से भड़के दावानल अब भी थमे नहीं हैं, ऐसा कहकर पुतिन ने रशिया में मौसम में आए बदलाव की ओर ध्यान आकर्षित किया। बीते महीने में ही रशियन यंत्रणाओं ने दावानल को बुझाने के लिए ‘क्लाइमेट इंजिनिअरिंग टेक्नॉलॉजी’ का इस्तेमाल करने की खबर सामने आयी थी।

नैसर्गिक आपत्तियोंबीते महीने से रशिया के पूर्वीय हिस्से में स्थित सैबेरिया में बड़े दावानल भड़के हैं। अब तक इन दावानलों में ९४ लाख हेक्टर्स का क्षेत्र खाक हो चुका है। यह क्षेत्र यूरोप के पुर्तुगाल से भी बड़ा है। इन दावानलों के पीछे ‘ग्लोबल वॉर्मिंग’ और इससे उठी उष्मा की लहर प्रमुख कारण होने की बात रशियन अधिकारी बता रहे हैं। बढ़ते तापमान के साथ ही सैबेरिया को ‘ड्राय स्टॉर्म्स’ ने भी नुकसान पहुँचाया है और इसी से दावानल भड़के हैं, यह जानकारी साझा की गई है। दावानल को काबू करने के लिए रशियन सेना की भी तैनाती की गई है।

तो दूसरी ओर दक्षिण रशिया का क्रैस्नोड़र और क्रिमिया प्रांतों में भारी बारिश हुई है। भारी बारिश और तूफानों की वजह से क्रैस्नोड़र प्रांत में एक हज़ार से अधिक घरों में और इमारतों में पानी भरा है। बाढ़ की स्थिति से राष्ट्रीय राजमार्ग का कुछ हिस्सा बह गया है और एक लाख से अधिक नागरिकों की बिजली सप्लाई खंड़ित हुई है। इस हिस्से के डेढ़ हज़ार से अधिक नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया है। भारी बारिश और बाढ़ की वजह से बनी स्थिति को काबू करने के लिए आपाद विभाग के करीबन ढ़ाई हज़ार सैनिक तैनात किए जाने की जानकारी साझा की गई है।

नैसर्गिक आपत्तियों

एक के बाद एक खड़ी हुई नैसर्गिक आपदा की पृष्ठभूमि पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने संबंधित प्रांतों के प्रमुख एवं अफसरों की बैठक बुलाई। इस दौरान पुतिन ने नैसर्गिक आपदा का स्वरूप अभूतपूर्व होने का इशारा दिया। रशिया की इन आपदाओं ने मौसम और पर्यावरण के एजेंड़ा पर नियोजन के साथ काम करना कितना आवश्‍यक है, यह दिखाया है, यह दावा भी राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस दौरान किया। इसी बीच नैसर्गिक आपदाओं का प्रभावी मुकाबला करने के लिए रशिया द्वारा ‘नैशनल रिस्पान्स सेंटर’ के गठन किए जाने की जानकारी भी सामने आयी है।

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