तुर्की के विरोध में नाटो ग्रीस को लष्करी सहायता प्रदान करें – ग्रीस ने किया निवेदन

अथेन्स, (वृत्तसंस्था) – ‘तुर्की की कार्रवाई के कारण ग्रीस की समुद्री सुरक्षा के लिए ख़तरा बना है। इस वजह से नाटो अपने लडाकू विमान और युद्धपोत रवाना करके हमारी लष्करी सहायता करें’, यह माँग ग्रीस के रक्षामंत्री ने की है। शरणार्थियों की आड़ में तुर्की कोरोना से संक्रमित मरीज़ों की अपने देश में घुसपैंठ करवाने की तैयारी में होने का आरोप पहले भी ग्रीस ने किया था। इसी बीच, शरणार्थियों को युरोप में भेजने के लिए तुर्की ने ग्रीस की सीमा पर हरकतें शुरू की हैं। इससे नाटो के दो सदस्य देश एक दुसरे के विरोध में खडे हुए दिखाई दे रहे हैं।

नाटो के सदस्य देशों में हुआ कोरोना वायरस का फैलाव और नाटो की भूमिका इनपर बातचीत करने के लिए नाटो के सदस्य देशों की बैठक हाल ही में हुई। इसी दौरान, ग्रीस के रक्षामंत्री निकोल पैनागियोतोपूलॉस ने, तुर्की ने शरणार्थियों की जो हरकतें शुरू की हैं उनका मुद्दा उपस्थित किया। युरोपिय देशों को धमका रहा तुर्की, हज़ारों शरणार्थियों के झुंड समुद्री रास्ते से ग्रीस में घुसाने की तैयारी में है। भूमध्य सागर में स्थित ग्रीस के द्वीपों पर शरणार्थियों के ये झुंड टकरा सकते हैं। इस वजह से ग्रीस की समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है, यह कहकर रक्षामंत्री निकोल ने नाटो के पास लष्करी सहायता प्रदान करने की माँग रखी है।

तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने फ़रवरी महीने में ग्रीस की सीमा से १० हज़ार शरणार्थियों की घुसपैंठ करवाने की धमकी दी थी। इसके लिए तुर्की की सेना ने ग्रीस के सीमा सुरक्षा बल के सैनिकों पर आँसू गैस के हमलें किए थे, यह जानकारी भी रक्षामंत्री निकोल ने साझा की। उस समय शरणार्थियों की घुसपैठ करवाने में तुर्की असफल हुआ था। पर, इस बार कम से कम ४५ हज़ार शरणार्थियों का झुंड ग्रीस में घुसाने की तैयारी तुर्की ने की है, यह बात सैटेलाईट से प्राप्त हुए फोटोज्‌ के जरिए स्पष्ट हुई है, इसपर रक्षामंत्री निकोल ने ग़ौर फ़रमाया।

‘ग्रीस की सेना अपने देश की सुरक्षा के लिए तैयार है। लेकिन नाटो का सदस्य देश होनेवाले ग्रीस को नाटो से सहयोग की उम्मीद है। ऐसे में, ग्रीस के द्विपों की सुरक्षा के लिए नाटो अपने विमान और युद्धपोत तैनात करें’, यह निवेदन रक्षामंत्री निकोल ने इस बैठक के दौरान किया। ग्रीस और तुर्की, ये दोनों देश नाटो के सदस्य हैं। इस वजह से यह समस्या बनी हैं। ऐसे में नाटो ने ग्रीस ने रखी माँग ठुकराई है। लेकिन ग्रीस और तुर्की के बीच के समुद्री क्षेत्र में बने इस तनाव पर, नाटो के प्रमुख जेम्स स्टोल्टनबर्ग ने चिंता व्यक्त की है।

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