चीन के बढते प्रभाव के विरोध में नाटो ‘इंडो-पैसिफिक’ के देशों की सहायता करेगी – ‘नाटो’ प्रमुख का ऐलान

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैनबरा: अपनी सीमा के पार चीन का बढ़ता आर्थिक और लष्करी प्रभाव यह संबंधित देशों के लिए चिंता का विषय है| चीन यूरोपीय देशों की दिशा में कदम उठा रहा है| चीन का यह बढ़ता प्रभाव रोकने के लिए नाटो इंडो-पैसेफिक क्षेत्र के लिए नई धारणा बना रहा है| इस क्षेत्र के मित्र देशों की नाटो सहायता करेगी, ऐसी घोषणा नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने की है| पर अन्य देशों में अपने आर्थिक और लष्करी निवेश अन्य देशों के लिए खतरा ना होने का दावा चीन ने किया है|

नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने हालही में ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड का दौरा किया है| अपने ऑस्ट्रेलिया के दौरे के समय स्टोल्टनबर्ग ने चीन की आक्रामक गतिविधियों पर कड़ी आलोचना की है| यूरोप में बुनियादी सुविधाओं के लिए बडा निवेश, आर्क्टिक क्षेत्र में बढ़ती तैनाती, अफ्रीकन देशों में बना प्रभाव और सायबर क्षेत्र में चीन की बढती आक्रामकता चिंताजनक है| चीन यूरोपीय देशों के अधिक से अधिक पास जा रहा है और चीन की गतिविधियों की तरफ नाटो के सदस्य देशों को अधिक गंभीरता से देखने की आवश्यकता है, इसकी तरफ स्टोल्टनबर्ग ने यूरोपीय देशों का ध्यान केंद्रित किया है|

चीन के इस बढ़ते प्रभाव पर नाटो नई धारणा तैयार कर रहा है| इस धारणा के अंतर्गत नाटो आगे चलकर इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड इन सदस्य देशों के साथ जापान और दक्षिण कोरिया के साथ भी सहयोग बढ़ाएगा, ऐसी घोषणा नाटो के प्रमुख ने की है| तथा पैसिफिक क्षेत्र में कदम रखने के लिए नाटो भी वहां के देशों के साथ सहयोग नहीं बढ़ा रहा| तथा चीन यह यूरोप के पास आकर पहुंचा है| इसलिए नाटो को भी उसी भाषा में उत्तर देना पड़ रहा है, ऐसी चेतावनी स्टोल्टनबर्ग में एक वृत्त माध्यम को दिए मुलाकात में कही है|

ऑस्ट्रेलियन रक्षामंत्री लिंडा रेनॉल्डस् ने भी नाटो के साथ अलग अलग क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए हम तैयार होने की बात कही है| ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इन दोनों देशों के साथ नाटो का लष्करी सहयोग है| अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी संघर्ष में ऑस्ट्रेलिया ने सेना तैनात की थी| पर यूरोप के पास आकर पहुंचे चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए, नाटो इंडो पैसिफिक क्षेत्र में उतरेगी, यह कहकर स्टोल्टनबर्ग ने चीन को सूचित किया है|

दौरान चार दिनों पहले अमरिका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने चीन को रोकने के लिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लंबी दूरी के आंतरखंडीय मिसाइल तैनात करने की घोषणा की थी| अमरिका की इस घोषणा पर विरोध व्यक्त करते हुए चीन ने अमरिका के मिसाइल तैनाती को प्रतिउत्तर देने की धमकी दी थी| तथा ऑस्ट्रेलिया, जापान एवं दक्षिण कोरिया ने अमरिका के मिसाइल तैनात किए तो उन्हें गंभीर परिणामों को सामना करना होगा, ऐसा चीन ने सूचित किया था| उसके बाद नाटो के प्रमुख ने चीन के विरोध में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग बढ़ाने की घोषणा करते हुए चीन को एक और झटका दिया दिखाई दे रहा हैं|

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