विस्तारवादी नाटो की वजह से यूरोप के फिर से टुकड़े होने का ड़र – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का इशारा

nato-europe-putin-2मास्को – शीतयुद्ध के दौर में हुए संघर्ष के अवशेष वाली ‘नाटो’ की विस्तारवादी नीति की वजह से यूरोप में अविश्‍वास और तनाव का माहौल निर्माण हुआ है। इससे यूरोप के फिर से टुकड़े होने का ड़र है, यह इशारा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने दिया। रशिया, यूरोप का ही हिसा है, इस पर जोर देते हुए रशिया और यूरोपिय महासंघ द्वारा एक-दूसरे के संबंध मज़बूत करने के लिए कई कदम उठाए जाने का दावा भी पुतिन ने किया। लेकिन, यूक्रैन में वर्ष २०१४ में सशस्त्र विद्रोह के बाद स्थिति में काफी तेज़ बदलाव होने लगा है और यूरोप की सुरक्षा के लिए नई शस्त्र स्पर्धा का खतरा निर्माण हुआ है, यह इशारा रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने दिया।

nato-europe-putin-1-300x199२२ जून, १९४१ के दिन जर्मन नाज़ी तानाशाह एडॉल्फ हिटलर ने रशियन संघराज्य (सोवियत रशिया) पर हमला किया था। इस घटना के ८० वर्ष पूरे हुए। इस अवसर पर रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने एक जर्मन पत्रिका में अपनी भूमिका रखनेवाला लेख लिखा। इस लेख में उन्होंने दूसरे विश्‍वयुद्ध के दौरान सोवियत रशिया ने जर्मनी की नाज़ी हुकूमत को पराजित किया था और यूरोप को गुलामगिरी से बचाया था, यह याद दिलाई।

इसके बाद शीतयुद्ध के दौर पर ध्यान आकर्षित करके शीतयुद्ध का अन्त पूरे यूरोप के लिए एक समान विजय साबित होगा, यह धारणा बनी थी, यह बात पुतिन ने इस लेख में दर्ज़ की। लेकिन, ऐसा ना होकर यूरोप में तनाव बढ़ रहा है और इसके लिए ‘नाटो’ ज़िम्मेदार है, यह आरोप रशियन राष्ट्राध्यक्ष ने लगाया है। ‘बीते २२ वर्षों के दौरान सोवियत रशिया का हिस्सा रहे देशों समेत १४ देश नाटो में शामिल हुए हैं। इस विस्तारवाद की वजह से यूरोपिय महाद्विप किसी भी मतभेद के बगैर एकसाथ रहने की संभावना मिट्टी में मिल गई है’, ऐसी आलोचना राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने की है। कई देशों को या तो पश्‍चिमी देशों का साथ या फिर रशिया का साथ देने का विकल्प चुनकर नाटो में शामिल होने के लिए मज़बूर किया गया, इस ओर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।

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