अमरिकी इंधन कंपनी ‘कोलोनिअल’ पर हुए सायबर हमले में ‘सीआयए’ का हाथ – रशियन सायबर सुरक्षा कंपनी की पूर्व प्रमुख का दावा

मास्को/वॉशिंग्टन – अमरिकी इंधन कंपनी ‘कोलोनिअल’ पर हुए सायबर हमले के पीछे गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ का ही हाथ होगा, ऐसा सनसनीखेज़ दावा रशिया स्थित सायबर सुरक्षा कंपनी की पूर्व प्रमुख ने किया है। ‘कैस्परस्की लैब’ नामक इस कंपनी की संस्थापक एवं पूर्व प्रमुख नताल्या कैस्परस्की ने एक साक्षात्कार के दौरान यह दावा किया। अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ ने तैयार किए ‘एम्ब्रेज’ नामक हैकर्स गुट ने ही ‘कोलोनिअल पाइपलाइन’ पर सायबर हमला किया होगा, ऐसा बयान नताल्या कैस्परस्की ने साक्षात्कार के दौरान किया है।

us-colonial-malware-1‘रिअ नोवोस्ती’ नामक रशियन वृत्तसंस्था को शुक्रवार के दिन दिए साक्षात्कार के दौरान कैस्परस्की ने ‘कोलोनिअल’ पर हुआ सायबर हमला रशिया से होने की आशंका ठुकराई। ‘अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ ने हैकर्स का ‘अम्ब्रेज’ नाकम गुट गठित किया है। यह गुट विदेश में स्थित हैकर्स की तरह ही काम कर सकता है। हमला करने के बाद पूरी पृष्ठभूमि छुपाने की क्षमता भी यह गुट रखता है। यह गुट रशिया, उत्तर कोरिया, चीन और ईरान जैसे देशों में स्थित हैकर्स के गुटों की तरह ही काम करने की क्षमता रखता है’, ऐसा दावा ‘कैस्परस्की लैब’ की पूर्व प्रमुख नताल्या कैस्परस्की ने किया।

अमरिकी नेटवर्क पर हुए सायबर हमले के पीछे ‘सीआयए’ का ही हाथ होने का आरोप लगाने का यह पहला ही अवसर समझा जा रहा है। वर्ष २०१७ में विकिलीक्स के कागजातों से इस गुट से संबंधित जानकारी सार्वजनिक हुई थी। अमरिकी माध्यमों ने भी इस गुट का संज्ञान लेकर यह गुट रशियन हैकर्स की तरह सायबर हमले कर सकता है, ऐसा कहा था।

us-colonial-malware-2‘कोलोनिअल पाइपलाइन’ पर बीते शुक्रवार के दिन ‘रैन्समवेअर’ प्रकार का सायबर हमला किया गया था। इस सायबर हमले के बाद कंपनी ने अपनी पाइपलाइन और इंधन की सप्लाई पूरी तरह से बंद की थी। इस हमले के पीछे रशिया से ताल्लुकात रखनेवाले ‘डार्कसाईड’ नामक हैकर्स के गुट का हाथ होने की बात स्पष्ट हुई थी। इसके बाद अमरिकी कंपनी ने वर्णित गुट को ५० लाख डॉलर्स से भी अधिक राशि की फिरौती देने का वृत्त भी प्रसिद्ध हुआ था। इस पृष्ठभूमि पर रशियन सायबर कंपनी की पूर्व प्रमुख का यह दावा ध्यान आकर्षित कर रहा है।

us-colonial-malware-3इसी बीच कोलोनिअल ने अपना कारोबार फिर से सामान्य होने का दावा किया है, फिर भी कई अमरिकी शहरों में इंधन की किल्लत निर्माण होने की बात सामने आयी है। राजधानी वॉशिंग्टन में कई पेट्रोल पंप्स पर इंधन खत्म होने की जानकारी स्थानीय वेबसाईट्स ने प्रदान की है। वर्जिनिया प्रांत समेत कुछ राज्यों में इंधन की कीमतें भी बढ़ी हैं और पेट्रोल पंप्स पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगने का चित्र दिख रहा हैं।

‘कोलोनिअल’ पर हुए सायबर हमले की पृष्ठभूमि पर रिपब्लिकन पार्टी ने राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की इंधन संबंधि नीति पर जोरदार हमला किया है। बायडेन की नीति अमरिकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर रही है और आनेवाले दिनों में अमरीका इंधन के आयात के लिए मज़बूर होगी, ऐसा आरोप भी रिपब्लिकन पार्टी के नेता स्टिव स्कैलिस ने लगाया है।

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