लोकतंत्र के समर्थन में जारी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए म्यांमार की सेना ने ७०० को मार गिराया

myanmar-protestयंगून – देश की लोकनियुक्त सरकार का तख्ता पलटकर सत्ता हथियानेवाली म्यांमार की सेना ने बीते दो महीनों में लोकतंत्र के समर्थन में उतरे प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करके ७०० से अधिक लोगों को मार गिराया है। जुंटा हुकूमत की प्रदर्शनकारियों पर हो रही कार्रवाई सीमित नहीं रही। बल्कि बिते कुछ हफ्तों में सेना की कार्रवाई में मारे गए प्रदर्शनकारियों के शव लेने पहुँचे परिवारों से म्यांमार की सेना पैसा वसूलने में जुटी होने की चौकानेवाली जानकारी सामने आ रही है। इसी बीच, म्यांमार की जुंटा हुकूमत पर सख्त प्रतिबंध लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही कोशिशों में चीन और रशिया अड़ंगा डाल रहे हैं, ऐसा आरोप यूरोपिय महासंघ ने लगाया है।

म्यांमार की सेना ने बीते शुक्रवार के दिन बागो शहर में कार्रवाई करके ८२ प्रदर्शनकारियों को ढ़ेर करने की खबरें प्रसिद्ध हुईं थी। लेकिन, स्थानीय संगठनों ने प्रदान की हुई जानकारी के अनुसार सेना की कार्रवाई में मारे गए लोगों की असल संख्या इससे कई अधिक होने की चिंता जताई है। क्योंकि, सेना की गोलीबारी में मारे गए प्रदर्शनकारियों के शव वहां के प्रार्थना स्थान एवं स्कूलों में इकठ्ठा कर रखे हैं। इसके अलावा घायल प्रदर्शनकारियों को घसीटकर वहीं पर कैद कर रखा है। सेना ने घायलों को वैद्यकीय सुविधा देने से भी इन्कार किया है।

myanmar-protestम्यांमार की सेना ने प्रदर्शनकारियों ने अब तक असॉल्ट रायफल्स, रायफल ग्रेनेड्स, हैण्ड ग्रेनेड्स एवं हवाई हमलों का भी इस्तेमाल किया है। लोकतंत्र के समर्थक प्रदर्शनकारियों पर लष्करी कार्रवाई करके म्यांमार की जुंटा हुकूमत पर मानव अधिकारों का उल्लंघन करने की आलोचना हो रही है। इसके अलावा लष्करी कार्रवाई में मारे गए प्रदर्शनकारियों के शव लेने के लिए पहुँच रहे परिवारों से सेना पैसे वसूल रही है। म्यांमार की सेना एक शव प्रदान करने के लिए ८५ डॉलर्स वसूल रही है, ऐसा आरोप बागो युनिवर्सिटी के छात्र संगठन ने लगाया है।

लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों को कुचलने के लिए लष्करी कार्रवाई कर रही जुंटा हुकूमत पर सख्त प्रतिबंध लगाना आवश्‍यक है, ऐसी माँग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जा रही है। संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त म्यांमार के राजदूत ने भी यह माँग की है। लेकिन, चीन और रशिया जुंटा हुकूमत पर लष्करी प्रतिबंध लगाने से विरोध कर रहे हैं, myanmar-protestऐसा आरोप यूरोपिय महासंघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने लगाया। चीन और रशिया का म्यांमार के साथ व्यापक लष्करी सहयोग है। इसी वजह से यह दोनों देश म्यांमार पर प्रतिबंध लगाने के लिए विरोध कर रहे हैं, ऐसी आलोचना बोरेल ने की।

इसी बीच, म्यांमार की लोकतांत्रिक नेता आँग सैन स्यू की के खिलाफ सेना ने नए आरोप लगाए हैं। साथ ही स्यू की को उनके वकिलों से मुलाकात करने की अनुमति देने से भी सेना ने इन्कार किया है। किसी भी स्थिति में स्यू की और उनके सहयोगियों की रिहाई ना हो, इसके लिए म्यांमार की सेना कोशिश कर रही है।

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