लोकतंत्र के समर्थन में जारी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए म्यांमार की सेना ने की हुई कार्रवाई में ५६० से अधिक ढ़ेर

नेप्यितौ/यांगून – म्यांमार में लोकतंत्र के समर्थन में बीते दो महीनों से अधिक समय से जारी प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सेना ने अपनी कार्रवाई अधिक तीव्र की है और इस दौरान ५६० से अधिक लोग मारे गए हैं। मृतकों में ४६ बच्चों का भी समावेश है। म्यांमार की सेना देश के वांशिक गुट और विद्रोही संगठनों पर भी हमले करने लगी है। इस वजह से तकरीबन १२ हज़ार लोग विस्थापित होने के लिए मज़बूर होने का दावा स्थानीय गुटों ने किया है।

democracy-protests-in-myanmarजबरन कब्ज़ा की हुई सत्ता म्यांमार की सेना छोड़े और लोकतांत्रिक सरकार के हाथों में पूरा नियंत्रण सौंप दे, इसके लिए म्यांमार में व्यापक प्रदर्शनों का आयोजन हो रहा है। इन प्रदर्शनों को देश के कोने कोने में प्रचंड़ समर्थन प्राप्त हुआ है और विद्रोही संगठन और धार्मिक गुट भी इन प्रदर्शनों में उतरे हैं। प्रदर्शनों को प्राप्त हो रहा यह बढ़ता समर्थन देखकर सेना की बड़ी बौखलाहट होती दिख रही है। प्रदर्शनकारियों के साथ आम जनता में दहशत और ड़र का माहौल निर्माण करने के लिए सेना ने अपनी कार्रवाई प्रति दिन अधिक आक्रामक करना शुरू किया है।

म्यांमार की सेना ने बीते हफ्ते की हुई कार्रवाई में करीबन २०० लोग मारे गए हैं। लगभग तीन हज़ार लोगों को जेल में बंद किया गया है और इनमें राजनीतिक कार्यकर्ताओं के अलावा पत्रकारों का भी समावेश है। सेना की इस कार्रवाई के बावजूद लोकतंत्र के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों को प्रचंड़ रिस्पान्स प्राप्त हो रहा है और हररोज़ लाखों नागरिक सड़कों पर उतरकर प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं। सड़कों पर उतर रहे नागरिकों को धमकाया जा रहा है और नागरी बस्तियों में जाकर अंधाधुंध गोलीबारी होने की घटनाएं भी सामने आयी हैं।

democracy-protests-in-myanmarप्रदर्शनकारियों के साथ ही म्यांमार की सेना ने देश के अलग अलग वांशिक गुट और संगठनों को भी लक्ष्य करना शुरू किया है। थायलैण्ड़ की सीमा के करीब स्थित कैरेन स्टेट में म्यांमार की सेना ने जोरदार हवाई हमले करना शुरू किया है। बीते हफ्ते से हररोज़ अलग अलग गांवों पर हमले हो रहे हैं और घर, स्कूल, सड़कें तहस नहस की गई हैं। इस वजह से इस इलाके के १२ हज़ार नागरिक मज़बूरी से विस्थापित हुए हैं। इस पृष्ठभूमि पर स्थानीय गुटों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से म्यांमार की सेना को हथियारों की बिक्री करने पर पाबंदी लगाने की माँग की है।

इसी बीच, म्यांमार के चार शीर्ष वांशिक और विद्रोही संगठनों ने बीते हफ्ते लोकतंत्र के समर्थन में जारी प्रदर्शनों को समर्थन देने का ऐलान करने की बात सामने आयी थी। रविवार के दिन देश के १० हथियारबंद गुटों ने भी प्रदर्शनों के लिए समर्थन घोषित किया है और सेना के बनाए हुए संविधान को रद करने की माँग भी की है। प्रदर्शनों को हथियारबंद गुटों से प्राप्त हो रहे बढ़ते समर्थन की वजह से आनेवाले दिनों में म्यांमार में अधिक हिंसा भड़केगी, ऐसी चिंता व्यक्त की जा रही है।

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