तुर्की के साथ तनाव की पृष्ठभूमि पर सायप्रस में बहुराष्ट्रीय समुद्री युद्धाभ्यास

Cyprus-holds-security-drills-1निकोसिआ – भूमध्य समुद्री क्षेत्र में तुर्की की विस्तारवादी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर ग्रीस और सायप्रस ने तुर्की विरोधी गुट स्थापित करने की गतिविधियाँ तेज़ की हैं। इसी के हिस्से के तौर पर भूमध्य समुद्री क्षेत्र में ‘नेमेसिस २०२१’ नामक बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया था। इस युद्धाभ्यास में अमरीका, इस्रायल, ग्रीस, फ्रान्स, ब्रिटेन, इजिप्ट, इटली और सायप्रस शामिल थे। इन देशों के अलावा प्रमुख ईंधन कंपनियाँ भी इस युद्धाभ्यास का हिस्सा थीं, यह जानकारी सायप्रस ने साझा की है।

Cyprus-holds-security-drillसायप्रस के समुद्री क्षेत्र में बीते हफ्ते ‘नेमेसिस २०२१’ का आयोजन हुआ। इस युद्धाभ्यास में आठ देशों के ‘एरोनॉटिकल युनिटस्‌’ एवं सैनिक शामिल थे। इसके अलावा विभिन्न देशों के युद्धपोत, ऑइल टैंकर्स, हेलिकॉप्टर्स, ड्रोन्स, गश्‍त विमानों के साथ ‘स्पेशल ऑपरेशन्स टीम्स’ भी इस युद्धाभ्यास में शामिल थीं, यह जानकारी सायप्रस ने प्रदान की।

समुद्री क्षेत्र के संघर्ष, ईंधन प्रकल्पों पर हो रहे आतंकी हमले, संदिग्ध गतिविधियों में शामिल जहाज़ों के खिलाफ कार्रवाई, बचाव अभियान का अभ्यास करने के लिए ‘एक्ज़ॉनमोबिल’, ‘टोटल’, ‘एनि’ और ‘नोबल’ जैसी ईंधन कंपनियों के दल भी इस युद्धाभ्यास के दौरान मौजूद थे। यह चारों कंपनियाँ भूमध्य समुद्री क्षेत्र के ईंधन प्रकल्पों में शरिक होने से उनका समावेश अहम माना जाता है।

Cyprus-holds-security-drillsसायप्रस के क्षेत्र में आयोजित किया गया यह समुद्री युद्धाभ्यास भूमध्य समुद्र में तुर्की की आक्रामक गतिविधियों को प्रत्युत्तर देने की बात कही जाती है। कुछ दिन पहले ही सायप्रस के विदेशमंत्री ने यह इशारा दिया था कि, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन को खाड़ी क्षेत्र से पूर्व भूमध्य समुद्र के क्षेत्र तक नया ऑटोमन साम्रज्य स्थापित करना है।

तुर्की ने बीते वर्ष ग्रीस एवं सायप्रस की सीमा में मौजूद द्विपों पर अपना दावा जताकर ईंधन क्षेत्र के अनुसंधान के लिए अपने जहाज़ और युद्धपोत रवाना किए थे। इसके बाद तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने २० जुलाई के दिन ‘सायप्रस’ में स्थित तुर्कीश इलाके की यात्रा की थी। इस दौरान सायप्रस का विवादित ‘घोस्ट टाउन वरोशा’ क्षेत्र फिर से शुरू करने के संकेत दिए थे। तुर्की की यंत्रणाओं ने इसके लिए अपनी गतिविधियाँ शुरू करने की बात भी कही जा रही है।

इस पृष्ठभूमि पर सायप्रस ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के माध्यम से तुर्की पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू की है। नया बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास इसी का हिस्सा बनता है।

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