आनेवाले ३ वर्षोँ में ‘एम्आर सैम’ लष्कर के बेड़े में आयेगा

नई दिल्ली: शत्रु के बैलेस्टिक मिसाइल तथा ७० किलोमीटर की परिधि के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों को भेदने की दिशा में भारत ने नया कदम उठाया है। भारत और इस्रायल संयुक्त रुप से मध्यम अंतर के जमीन से हवा में हमला करने वाले हवाई मिसाइल एम्आर-सैम यंत्रणा पर काम कर रहे हैं और इस मिसाइल से आने वाले ३ वर्षों में भारतीय लष्कर बैलिस्टिक मिसाइल विरोधी यंत्रणा से सज्ज हो जायेंगे।

भारतीय लष्कर के बेड़े में यह यंत्रणा रहे यह मांग अनेक वर्षों से हो रही थी। इसके लिए इस्रायल एयरोस्पेस इंडस्ट्री (आयएआय) एस इस्रायल की अग्रणी शस्त्र निर्माण करनेवाली कंपनी के साथ भारतीय संरक्षण संशोधन एवं विकास संस्था (डीआरडीओ) का करार हुआ था। १७ हजार करोड़ रुपयों के इस करार के अंतर्गत लष्कर की मांग के अनुसार बैलेस्टिक क्षेपणास्त्र विरोधी यंत्रणा विकसित करने का काम शुरू हुआ है।

इसके पहले ‘डीआरडीओ’ ने ‘आईएआई’ के सहयोग से नौदल के लिए ‘एलआर-सैम’ यह यंत्रणा विकसित की थी। इस बैलिस्टिक क्षेपणास्त्र विरोधी यंत्रणा के द्वारा ७० किलोमीटर के हवाई परिधि में शत्रु के मिसाइल को तबाह किया जा सकता है। ऐसे २०० मिसाइल और ४० प्रक्षेपक ‘आईएआई’ और ‘डीआरडीओ’ मैं हुए करार अंतर्गत भारतीय नौदल को मिलने वाले हैं।

‘एम्आर-सैम’ यह मिसाइल भारतीय लष्कर के लिए तैयार की आवृत्ति है। ‘एम्आर-सैम’ यह यंत्रणा द्वारा शत्रु की बैलिस्टिक मिसाइल, विमान, हेलीकॉप्टर ड्रोन, गश्ती विमान, तथा अवैक यंत्रणा से सज्ज विमान तबाह कर सकता है, यह जानकारी लष्कर के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर दी है।

लष्कर के लिए तैयार की गई ‘एम्आर-सैम’ यंत्रणा किसी भी वातावरण में काम कर सकती है। साथ ही कहीं पर भी सहज रूप से तैनात करके ३६० अंश तक मिसाइल दाग सकती है। लष्कर के बेड़े में यह यंत्रणा होने पर संवेदनशील क्षेत्र में यह यंत्रणा तैनात की जाएगी, यह जानकारी अधिकारी ने दी है।

सन २०२० तक ‘एम्आर-सैम’ यह मिसाइल भारत के लष्कर को प्रदान किए जाएंगे। यह मिसाइल भारत के बेड़े में आने पर भारतीय लष्कर हवाई खतरो को मुंहतोड़ जवाब दे सकेंगी, यह विश्वास अधिकारी ने व्यक्त किया है।

पिछले कई सालों में भारतीय लष्कर ने अपनी क्षमता में बढ़त की है। ब्राह्मोस जैसे शक्तिशाली मिसाइल बेड़े में होने वाले भारतीय लष्कर दुनिया का पहला सुरक्षा दल है।

अंदमान निकोबार में ब्राह्मोस परीक्षण होने वाला है। सन २०१५ में संपूर्ण कहा भारतीय बनावट का और जमीन से हवा में हमला करने में सक्षम होने वाला ‘आकाश’ मिसाइल भारतीय लष्कर के बेड़े में है। ‘आकाश’ मिसाइल २५ किलोमीटर क्षेत्र में शत्रु के जहाज, हेलीकॉप्टर को तबाह कर सकता है। ‘एम्आर-सैम’ लष्कर में आने के बाद भारतीय लष्कर का हवा में हमला रोकने की क्षमता में बहुत बड़ी बढ़त हासिल होंगी।

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