देश में विकसित हुआ अतिप्रगत तंत्रज्ञान दुश्मन को चौंका देगा – वायुसेनाप्रमुख भदौरिया की चीन को चेतावनी

नई दिल्ली – आनेवाले समय के युद्ध में, देश में ही विकसित हुए अतिप्रगत तंत्रज्ञान का इस्तेमाल उत्तरी सीमा पर होनेवाले दुश्मनों को चौंका देगा, ऐसी चेतावनी भारत के वायुसेनाप्रमुख आरकेएस भदौरिया ने दी। ‘आत्मनिर्भर भारत’ मुहिम के संदर्भ में आयोजित एक परिसंवाद को संबोधित करते समय वायुसेनाप्रमुख ने, चीन का नामोल्लेख टालकर, भारत के पास चीन को चौंका देनेवाला अतिप्रगत तंत्रज्ञान हो सकता है, इसका एहसास करा दिया है। साथ ही, अगले दो दशकों में वायुसेना लगभग ३५० विमानों की खरीद करेगी, ऐसी घोषणा वायुसेनाप्रमुख ने की।

अतिप्रगत तंत्रज्ञानहालाँकि लद्दाख की एलएसी से चीन ने वापसी की है, फिर भी यहाँ का तनाव अभी भी कम नहीं हुआ है। चीन ने अभी भी भारत के विरोध में हरकतें करने का सत्र जारी रखा है। भारत की सीमा से सटे भागों के लिए चीन ने नए लष्करी अधिकारी की नियुक्ति की होने की खबर हाल ही में जारी हुई। इससे पहले चीन ने तीन बार यहाँ के अधिकारी बदले थे। उसी के साथ, भारतीय सीमा से सटे क्षेत्र में चिनी लष्कर के निर्माणकार्य जारी होने की खबरें भी आ रहीं हैं। इससे यही बात स्पष्ट होती है कि चीन से भारत को संभव होनेवाला ख़तरा कायम है। इसकी गंभीर दखल भारतीय रक्षाबलों द्वारा ली जा रही है।

कुछ दिन पहले एलएसी की सुरक्षा की जिम्मेदारी होनेवाले आयटीबीपी इस अर्धसैनिक बल के निवर्तमान प्रमुख एस. एस. देस्वाल ने चीन को कड़ी चेतावनी दी थी। आयटीबीपी एलएसी पर अधिक आक्रमक बन सकता है, ऐसा देस्वाल ने जताया था। उसके बाद अब वायुसेनाप्रमुख ने ठेंठ नामोल्लेख टालकर चीन को उचित संदेश दिया है। आत्मनिर्भर भारत के संदर्भ में आयोजित किए परिसंवाद को संबोधित करते समय, वायुसेनाप्रमुख ने यह स्पष्ट किया कि आनेवाले समय में देश में ही विकसित हुआ अतिप्रगत तंत्रज्ञान, उत्तरी सीमा पर होने वाले दुश्मन को चौंका देगा।

आत्मनिर्भरता यह देश की सुरक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण नींव साबित होगी, ऐसा विश्वास इस समय वायुसेनाप्रमुख ने ज़ाहिर किया। उसी के साथ, अगले दो दशकों की कालावधि में भारतीय वायुसेना लगभग ३५० विमानों की खरीद करने वाली है, ऐसी भी घोषणा वायुसेनाप्रमुख ने की।

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