जम्मू-कश्‍मीर में १२.५ लाख से अधिक लोगों को ‘डोमिसाईल सर्टिफिकेट’ प्राप्त

श्रीनगर – जम्मू-कश्‍मीर में अधिवास के निमयमों में बदलाव करने के बाद नए नियमों के तहत अब तक १२.५ लाख से अधिक नागरिकों को अधिवास का प्रमाण पत्र यानी ‘डोमिसाईल सर्टिफिकेट’ प्रदान किया गया है। बीते सप्ताह में नायब राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अधिवास प्रमाण पत्र देने के काम को गति देने के निदेश देने के बाद यह जानकारी सामने आयी है। इस काम को अब गति दी गई है और एक सप्ताह में प्रलंबित निवेदनों पर निर्णय किया जाएगा, यह बात सूत्रों ने साझा की।

Jammu-kashmir-domicileकेंद्र सरकार ने बीते वर्ष अगस्त महीने में जम्मू-कश्‍मीर से धारा ३७० को हटाकर इस राज्य को प्रदान किया गया विशेष दर्जा रद किया गया। इसके बाद मार्च महीने में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी करके जम्मू-कश्‍मीर में नए ‘डोमिसाईल’ कानून पर अमल शुरू किया। इसके बाद नागरिकों को जल्द से जल्द प्रमाण पत्र वितरित करने की पूरी प्रक्रिया का ब्यौरा किया जा रहा है और प्रमाण पत्र प्रदान करने की प्रक्रिया को गति प्रदान की जा रही है। अब तक १२.५ लाख से अधिक लोगों को यह प्रमाण पत्र दिया गया है।

‘डोमिसाईल सर्टिफिकेट’ प्रदान किए गए नागरिकों में ‘पर्मनंट डोमिसाईल सर्टिफिकेट’ (पीआरसी) धारक नागरिकों की संख्या अधिक है। लगभग ९९% ‘पीआरसी’ धारकों को यह प्रमाण पत्र दिया गया है, यह जानकारी जम्मू-कश्‍मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने साझा की। ‘पीआरसी’ धारकों के अलावा पाकिस्तान के ११,३९८ शरणार्थियों को अधिवास प्रमाणपत्र दिया गया। तथा पंजीकृत १२,३४० स्थानांतरित नागरिकों को वाल्मिकी समाज के ४१५ और गोरखा समाज के १० लोगों को यह प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। कश्‍मीर विभाग के २,६६,२८८ नागरिकों को अधिवास प्रमाण पत्र दिया गया है, तथा जम्मू विभाग में ९.४५ लाख लोगों को डोमिसाईल दिया गया है।

Jammu-kashmir-domicileराज्य में अधिवास प्रमाणपत्र प्रदान करने की प्रक्रिया आसान की गई है। महसूल अधिकारियों को पांच दिनों में यह प्रमाणपत्र प्रदान करने के निदेश दिए गए हैं, यह भी कंसल ने कहा। नागरिकों को जल्द से जल्द प्रमाण पत्र प्रदान करने की कोशिश हो रही है और इसके लिए मोबाईल वैन का भी प्रावधान किया गया है। डोमिसाईल सर्टिफिकेट के लिए दाखिल किए गए निवेदनों में से २० हज़ार लोगों की अर्जी ठुकराई गई है, यह जानकारी भी महसूल विभाग के मुख्य सचिव पवन कोतवाल ने साझा की। नौकरी के लिए अधिवास प्रमाण पत्र की आवश्‍यकता रहेगी। इस प्रमाण पत्र की वजह से केंद्रशासित प्रदेश में ज़मीन खरीदने का अधिकार प्राप्त नहीं होगा इसके लिए स्वतंत्र नियमों की आवश्‍यकता है, यह जानकारी भी उन्होंने प्रदान की।

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