‘मूडीज’ ने भारत के आर्थिक विकास दर से संबंधित अनुमान में किया सुधार

नई दिल्ली – कोरोना के मरीज़ों की संख्या में हो रही गिरावट और भारतीय अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधारों की पृष्ठभूमि पर वैश्विक स्तर की पतमानांकन संस्था ‘मूडीज’ ने भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित अनुमान में सुधार किया है। इसके अनुसार अगले आर्थिक वर्ष में भारत का विकास दर ८.६ प्रतिशत रहेगा, यह अनुमान ‘मूडीज्‌’ ने नए से व्यक्त किया है। इससे पहले भारत का विकास दर ८.१ प्रतिशत तक रहेगा, ऐसा ‘मूडीज्‌’ ने कहा था। इसके साथ ही मौजूदा आर्थिक वर्ष में ‘जीडीपी’ मायनस ९.६ प्रतिशत रहेगा, ऐसा ‘मूडीज्‌’ ने कहा था। लेकिन, अब अनुमान में ‘मूडीज्‌’ जीडीपी का दर मायनस ८.९ रहेगा, ऐसा कहा है।

india-gdpभारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। कोरोना के नए मामलों की मात्रा की तुलना में इलाज से स्वस्थ होनेवाले संक्रमितों की संख्या अधिक है। अनलॉक के बाद भारत में उद्योग-कारोबार शुरू हुए हैं और अर्थव्यवस्था पटरी पर आती हुई दिख रही है। इसी वजह से देश के विकास दर में सुधार होने का अनुमान लगाया गया है। इसके साथ ही देश का ‘जीडीपी’ वर्ष २०२१ में ८.६ प्रतिशत रहेगा, यह अनुमान भी ‘मूडीज्‌’ ने व्यक्त किया है। बीते वर्ष भारत का जीडीपी ४.८ दर्ज़ हुआ था।

हाल ही मे मार्किट ग्रुप ने घोषित किए ‘पर्चेसिंग मैनेजमेंट इंडेक्स’ (पीएमआय) के अनुसार देश में उत्पादन और माँग में बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। लगातार तीसरे महीने में यह बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। इसके साथ ही देश में निवेष बढ़ रहा है और यह अर्थव्यवस्था के विकास के संकेत हैं। इस पृष्ठभूमि पर ‘मूडीज्‌’ ने सुधार के साथ नया अनुमान घोषित किया है।

इसी बीच विश्‍व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं अमरीका और चीन के संबंध बिगड़े हैं और इसका असर व्यापार पर पडा है। यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौती भी साबित होगी, यह बात ‘मूडीज्‌’ की रपट में कही गई है। अर्थव्यवस्था और सुरक्षा यह दो चिंताएं कई देशों को सता रही हैं। कुछ देश उत्पादन बढ़ाने की कोशिश में जुटे होने पर भी ‘मूडीज्‌’ ने गौर किया है। ऐसी स्थिति में वर्ष २०२१ में अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा, ऐसा अनुमान ‘मूडीज्‌’ ने लगाया है।

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