चीन की दमननीति के खिलाफ़ मंगोलियन जनता ने किए प्रदर्शन

टोकियो – चीन के स्वायत्त प्रांत वाले इनर मंगोलिया में चीनी सरकार ने ‘मैंडरीन’ भाषा थोंपने के निर्णय के खिलाफ़ प्रदर्शन शुरू हुए है। शनिवार के दिन जापान स्थित टोकियो में भी अनिवासी मंगोलियन नागरिकों ने चीन के दूतावास के बाहर प्रदर्शन करके चीन की दमननीति विश्‍व के सामने पेश करने की कोशिश की। चीन की सरकार ने नई भाषा नीति देश पर थोंपने का कदम उठाया है और स्थानीय भाषा के स्थान पर स्कूलों में मैंडरीन भाषा की सक्ति की गई है। इनर मंगोलिया नामक चीन के स्वायत्त प्रांत में इस नीति के तहत स्कूलों में स्थानीय भाषा को दूर हटाके मैंडरीन भाषा सिखाने के आदेश चीन की सरकार ने दिए थे।

china-mongoliyaइस पर अब इनर मंगोलिया की जनता ने तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ करना शुरू किया है। चीन अपनी आर्थिक, सियासी और लष्करी ताकत पर इनर मंगोलिया के स्कूलों में स्थानीय भाषा, मंगोलियन संस्कृति, परंपरा नष्ट कर रहा है। साथ ही अपनी संस्कृति यहां की जनता पर जबरन थोंपी जा रही है, यह आरोप यहां की जनता कर रही है। इस नई नीति के ज़रिए चीन की सरकार इनर मंगोलिया में स्थानीय भाषा नष्ट करने की कोशिश कर रहा है, यह आरोप सामाजिक कार्यकर्ता कर रहे हैं।

इस निर्णय के विरोध में इनर मंगोलिया की जनता ने रास्तों पर उतरकर तीव्र प्रदर्शन किए। बीते सप्ताह में ही चीनी सरकार के निर्णय के खिलाफ़ इनर मंगोलिया के हज़ारों छात्र और पालकों ने रास्तों पर उतरकर प्रदर्शन किए थे। इन प्रदर्शनों का असर अन्य देशों में भी दिखाई देने लगा है और जापान में हुए प्रदर्शन इसी का हिस्सा होने की बात दिख रही है।

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