प्रधानमंत्री मोदी से हुई बातचीत के बाद अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने खिंचे इम्रान खान के कान

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत करने के बाद अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने पाकिस्तान के प्रधामंत्री को खरी-खोटी सुनाने का समाचार है| कश्मीर मुद्दे पर भडकाउ वक्तव्य ना करें और इस मुद्दे पर अपनाई भूमिका सामान्य करने, यह इशारा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने प्रधानमंत्री इम्रान खान को दिया है| ट्रम्प और इम्रान ने की हुई बातचीत के बाद यह जानकारी देने के लिए पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने जल्दबाजी में वार्ता परिषद का आयोजन करके खुलासा दिया है| इसके बावजूद इस बातचीत का ब्यौरा सामने रखकर भारतीय माध्यमों ने पाकिस्तान सरकार की मुश्किलों में बढोतरी की है|

कश्मीर समस्या गंभीर बना है, फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री इम्रान खान के साथ हुई अपनी बातचीत सामान्य रही, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कहा है| लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रम्प के साथ बातचीत करते समय आतंकवाद का मुद्दा उपस्थित किया| साथ ही सीधे जिक्र किए बिना उन्होंने पाकिस्तान हिंसा के लिए उकसा रहा है, बात स्पष्ट की है| इसके बाद प्रधानमंत्री इम्रान खान से बातचीत करने के दौरान ट्रम्प ने कश्मीर के विषय पर उकसानेवाले बयान करने से दूर रहने की सूचना की| उस समय इम्रान खान ने भारत जम्मू-कश्मीर की नियंत्रण रेखापर गोलीबारी कर रहा है, यह तक्रार करने की कोशिश की| लेकिन, ट्रम्प ने इस पर ज्यादा ध्यान नही दिया, यह कहा जा रहा है|

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के इस फोन के बाद पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी ने जल्दबाजी में वार्तापरिषद आयोजित की| इस दौरान उन्होंने ट्रम्प और प्रधानमंत्री इम्रान खान की बातचीत की जानकारी रखी| लेकिन, वह उनका झुठा बयान था, यह बात भारतीय माध्यमों ने कुछ ही समय में सामने रखी| कश्मीर संबंधी ट्रम्प ने इम्रान खान से बातचीत करके कान खिंचे है, यह समाचार भी कई भारतीय समाचार चैनलों ने दिए| इस वजह से इम्रान खान की मुश्किलें और भी बढी है| ट्रम्प ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता करने का वादा इम्रान खान ने अमरिका की यात्रा के दौरान प्राप्त किया था| इसके बाद हमें वर्ल्ड कप जितने जैसी खुशी महसूस हुई है, यह बात इम्रान खान ने कही थी|

इसी बात का दाखिला देकर पकिस्तान के विपक्षी नेता इम्रान खान ने किए हुए जीत के दावे गए कहां, यह सवाल कर रहे है| ‘भारत ने धारा ३७० हटाकर जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए अपनी जमीन से जोड दिया है और पाकिस्तान का दावा भी खतम किया है| इसके बाद जीत के दावे कर रहे इम्रान खान का पर्दाफाश हुआ और अब क्या करें, यही बात उनकी सरकार की समझ के बाहर है|’ यह आलोचना विपक्षी नेता एवं इम्रान खाने के समर्थक भी कर रहे है| ऐसी स्थिति में जहाल विधान करके भारत को चुनौती देने की भाषा भी इम्रान खान इससे आगे कर नही सकेंगे| प्रमुख बात यह है की ट्रम्प के इशारे से इम्रान खान कश्मीर मुद्दे पर अपनाई भूमिका सामान्य करने का निर्णय करते है तो उसकी काफी बडी गुंज पाकिस्तान में सुनाई पड सकती है|

एक ओर इम्रान खान भारत के विरोध में युद्ध शुरू करे, यह मांग भारत का द्वेष करनेवाले चरमपंथी कर रहे है| वही, दुसरी ओर भारत के विरोध में पाकिस्तान ने शुरू की हुई राजनयिक मुहीम पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है| इस वजह से फिलहाल इम्रान खान और उनकी सरकार मुश्किलों में फंसी हुई दिख रही है|

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