‘आइएनएफ’ से वापसी करने के बाद; अमरिकी मिसाईलों की युरोप में तैनाती रशिया के लिये खतरा – रशिया के उपविदेशमंत्री की चेतावनी

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मास्को – ‘आइएनएफ ट्रिटी’ से वापसी करने के बाद अमरिका ने युरोप में ‘इंटर्मीडीएट’ प्रक्षेपास्त्र युरोप में तैनात किये तो उसका इस्तमाल रशिया के उपर हमला करने के लिये हो सकता है| यह तैनाती हुई तो उसे जवाब देने के लिये रशिया को आक्रामकता से कदम उठाने होगे, यह चेतावनी रशिया के उपविदेशमंत्री सर्जेई रिबकोव्ह इन्होंने दिया है| अमरिका की नई तैनाती अमरिका और रशिया के बीच सामरिक संतुलने बिगाडेगी और दोनों में से किसी भी देश को नया ‘मिसाईल क्रायसिस’ नही चाहिये, यह भी रशियन मंत्री ने सुनाया है|

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इनके ऐलान के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और अन्य प्रमुख नेताओं ने भी अमरिका ‘आइएनएफ ट्रिटी’ से वापसी करने के वृत्त का समर्थन किया है| इस समझौते से वापसी करने के पीछे रशिया ने ‘९एम७२९’ प्रक्षेपास्त्र का निर्माण करने के साथ किया उल्लंघन है, यह कारण आगे किया गया है| रशिया ने इस विषय के सभी दावों से इन्कार किया है| फिर भी अमरिका इस विषय को लेकर अपनी भूमिका पर डटी है| इस मुद्दे पर रशिया ने चर्चा करने की तैयारी दिखाई है, फिर भी अमरिका ने यह मांग ठुकराई है|

इस कारण रशिया ने और भी आक्रामक भूमिका अपनाने की शुरूआत की है और उपविदेशमंत्री ने किया वक्तव्य इसी का हिस्सा है, यह दिखता है| उपविदेशमंत्री सर्जेई रिबकोव्ह इन्होंने यह चिंता जताई है की, अमरिका ने ‘आइएनएफ’ से वापसी की तो वह युरोप में ‘इंटर्मीडीएट’ प्रक्षेपास्त्र तैनात कर सकता है| इस तैनाती के साथ रशिया को सहजता से लक्ष्य करना संभव होगा| इसी वजह से इस तैनाती की ओर रशिया अनदेखा नही कर सकता, यह रशियन उपविदेशमंत्री ने स्पष्ट किया है|

अमरिका की युरोप में नई तैनाती रशिया और अमरिका के बीच सामरिक संतुलन बिगाडेगी| फिल हाल दोनों देशों को नया ‘मिसाईल क्रायसिस’ नही चाहिये| ऐसी गतिविधियों से किसी को भी लाभ नही होगा| उल्टा वर्तमान की प्रगत प्रक्षेपास्त्र यंत्रणा की वजह से १९८० की तुलना में युरोप और भी डावांडोल होने का डर है, यह चेतावनी रिबकोव्ह इन्होंने दी है| रशिया और अमरिका पांच वर्षों से ‘आइएनएफ’ के विषय में चर्चा कर रहे थे और अमरिका ने रशिया के जवाब की प्रतीक्षा किये बिना समझौते से बाहर निकलने का फैसला किया, यह आरोप भी उन्होंने किया|

पिछले हफ्तें में ही रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतीन ने रक्षा बलों के अधिकारी और कंपनीयों के प्रतिनिधीयों की एक बैठक बुलाई थी| इस बैठक में पुतीन ने ‘स्मार्ट वेपन्स’ और प्रक्षेपास्त्र निर्माण को गति देने की सूचना की थी| उसके बाद रशियन संसद में देश की ‘न्यूक्लिअर डॉक्ट्रेन’ में बदल करने का प्रस्ताव भी रखा था| इस पृष्ठभुमि पर रशियन रक्षा बलों में ‘टॉर – एम २डीटी एंटी एअरक्राफ्ट मिसाईल सिस्टिम’ यह प्रगत प्रक्षेपास्त्र यंत्रणा तैनात होने की जानकारी सामने आ रही है| एक ही समय चार लक्ष्य भेदने की क्षमता से लैय यह यंत्रणा विशेष रूप से ‘आर्क्टिक’ क्षेत्र के लिये विकसित की है|

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