चुनाव का विवाद सुलझाने में लष्कर का इस्तेमाल अमरीका को ख़तरनाक और ग़ैरसंविधानिक मार्ग पर ले जानेवाला साबित होगा – अमरीका के १० पूर्व रक्षामंत्रियों की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरीका के चुनावों के नतीज़ों पर आपत्ति जताने का समय अब निकल गया है और यह उलझन सुलझाने के लिए लष्कर का इस्तेमाल करने की कोशिशें इस देश को ख़तरनाक मार्ग पर ले जायेंगी, ऐसी गंभीर चेतावनी दस पूर्व रक्षामंत्रियों ने दी है। अमरीका में दो महीने पहले हुए राष्ट्राध्यक्षपद के चुनावों में डेमोक्रॅटस् पार्टी के ज्यो बायडेन को सर्वाधिक मत मिले होकर, ‘इलेक्टोरेल कॉलेज’ इस यंत्रणा ने भी उनके चयन पर मुहर लगाई है। लेकिन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, मतदान में ‘फ़्रॉड़’ होने के आरोप करके, नतीज़ों में बदलाव करने के लिए विभिन्न मार्गों को टटोलना स्गुरू किया होने के आरोप किये जा रहे थे। उनमें ‘मार्शल लॉ’ लागू करने के विकल्प का भी समावेश होने की चर्चा लष्करी तथा राजनीतिक दायरे में शुरू थी।

us-electionsअमरीका के अग्रसर दैनिकों में से एक ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ में प्रकाशित हुए स्वतंत्र लेख में पूर्व रक्षामंत्रियों ने फिलहाल जारी होनेवाले घटनाक्रम पर तीव्र चिंता ज़ाहिर की है। ‘अमरीका में चुनाव हो चुके हैं। वोटों की पुनर्गिनती और परीक्षण की प्रक्रिया भी पूरी हुई है। देश के न्यायालयों ने इस संदर्भ में दायर हुईं याचिकाओं पर अपने फ़ैसलें किये हैं। विभिन्न प्रांतों के गवर्नर्स ने नतीज़ों का सर्टिफिकेट भी दिया है। इलेक्टोरल कॉलेज ने भी मतदान किया है। नतीज़ों पर शक़ ज़ाहिर करने का समय अब निकल चुका है’, ऐसा मत पूर्व रक्षामंत्रियों ने व्यक्त किया। अब संसद इलेक्टोरल कॉलेज के मतों को मान्यता देने की प्रक्रिया ख़त्म करें, ऐसा आवाहन भी पूर्व मंत्रियों द्वारा किया गया है।

चुनावों से संबंधित विवाद को सुलझाने के लिए अमरिकी लष्कर को सहभागी करा लेने की कोशिशें हमें ख़तरनाक, ग़ैरकानूनी और ग़ैरसंविधानिक मार्ग पर ले जायेंगी। इसके लिए आदेश देनेवाले नागरी और लष्करी अधिकारियों को इसके लिए ज़िम्मेदार माना जायेगा। उनकी हरक़तों के गंभीर परिणाम अमरिकी प्रजासत्ताक को भुगतने पड़ेंगे और उनके विरोध में गुनाहगारी स्वरूप की कार्रवाई भी हो सकती है’, इन शब्दों में अमरीका के १० पूर्व रक्षामंत्रियों ने जताया है। अमरीका के रक्षा विभाग से, सत्ता के हस्तांतरण की प्रक्रिया ख़त्म करने में अड़चनें लायी जा रही होने की ख़बरों पर भी लेख में तीव्र नाराज़गी व्यक्त की गयी है।

us-electionsलेख लिखनेवाले और उसपर हस्ताक्षर करनेवाले पूर्व रक्षामंत्रियों की सूचि में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के कार्यकाल में काम किये जेम्स मॅटिस तथा मार्क एस्पर इन दो पूर्व मंत्रियों का भी समावेश है। इनके अलावा डिक चेनी, विल्यम पेरी, डोनाल्ड रम्सफेल्ड, विल्यम कोहेन, रॉबर्ट गेट्स, लिऑन पॅनेट्टा, चक हेगेल और ऍश कार्टर भी सहभागी हुए हैं। पिछले महीने में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ट्विट करके, ‘मार्शल लॉ=फेक न्यूज’ ऐसा कहकर, यह बुरी पत्रकारिता का भाग होने की आलोचना की थी। वहीं, आर्मी सेक्रेटरी रायन मॅक्कार्थी और लष्करप्रमुख जनरल जेम्स सी. मॅक्कॉनविल ने संयुक्त निवेदन जारी करके, ‘अमरीका के चुनावों का नतीजा तय करने में अमरिकी लष्कर की कुछ भी भूमिका नहीं, ऐसा खुलासा किया था।

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