चीन के इशारों को अनदेखा करके ताइवान और अमरिकी तटरक्षक बल की हुई बैठक

ताईपे/वॉशिंग्टन/बीजिंग – चीन की लगातार धमकियाँ एवं इशारों के बावजूद ताइवान और अमरिकी तटरक्षकबलों की बैठक हुई। इस बैठक के दौरान ताइवान के करीबी समुद्री क्षेत्र में अवैध एवं अनियंत्रित गतिविधियों का मुद्दा उठाया गया। साथ ही समुद्री क्षेत्र में संयुक्त मुहिम चलाने पर भी चर्चा होने की जानकारी ताइवान के विदेश मंत्रालय ने साझा की है। चीन की नौसेना एवं ‘नेवल मिलिशिया’ ताइवान के क्षेत्र में घुसपैठ करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं और ऐसे में यह बैठक ध्यान आकर्षित करती है।

china-taiwan-us-coast-guard-2चीन बीते कुछ महीनों के दौरान ताइवान के मुद्दे पर अधिकाधिक आक्रामक होता जा रहा है। बीते महीने कम्युनिस्ट पार्टी के सर्वेसर्वा एवं चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने ताइवान का विलय करने के मुद्दे पर आक्रामक शब्दों में इशारा दिया था। ‘ताइवान की स्वतंत्रता के लिए किसी भी तरह की कोशिश पुख्ता निर्धार के साथ नाकाम की जाएगी’, यह इशारा जिनपिंग ने दिया था। यह इशारा देने के साथ ही चीन ने ताइवान के करीबी क्षेत्र में रक्षाबलों की गतिविधियाँ गतिमान की हैं।

ताइवान के समुद्री क्षेत्र समेत ‘ईस्ट चायना सी’ क्षेत्र में करीबन डेढ़ सौ ‘स्टेल्थ’ लड़ाकू विमानों की तैनाती हुई है। ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र में जून से लगातार युद्धाभ्यास हो रहा है और इस दौरान ताइवान पर हमला करने की रिहर्सल का भी समावेश है। दूसरी ओर चीनी मछुआरों के जहाज़ों के समावेश वाले ‘नेवल मिलिशिया’ ताइवान की सीमा में लगातार घुसपैठ करते सामने आ रहे हैं। चीन के लड़ाकू विमान एवं युद्धपोत भी ताइवान के क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में चीन ‘ग्रे ज़ोन वॉरफेअर’ की तीव्रता बढ़ा रहा है और ऐसे में अमरीका भी ताइवान को प्रदान हो रही सहायता का दायरा बढ़ाती जा रही है।

china-taiwan-us-coast-guard-1दो देशों के तटरक्षकबलों के ‘मरिन पेट्रोल वर्किंग ग्रूप’ की बैठक इसी के संकेत समझे जा रहे हैं। कुछ महीने पहले अमरीका के तटरक्षकबल ने अपनी नीति में बदलाव करने के संकेत देते समय ज़रूरत महसूस होने पर पैसिफिक क्षेत्र में भी मुहिम चलाने के संकेत दिए थे। यह संकेत चीन के लिए इशारा समझा जा रहा है। इसके बाद ताइवान के तटरक्षकबल के साथ बैठक करके अमरीका ने संयुक्त मु्हिम चलाने की संभावना जताई। साथ ही पैसिफिक क्षेत्र में जारी अवैध गतिविधियों की भी आलोचना की है।

इस बैठक के बाद अमरीका ने दिसंबर में आयोजित हो रही ‘वर्ल्ड डेमोक्रसी समिट’ में ताइवान को आमंत्रित करने के संकेत भी दिए हैं।

यह परिषद अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन की नीति का हिस्सा समझी जाती है। इस मुद्दे पर किए गए ऐलान में अमरीका के विदेशमंत्री एंथनी ब्लिंकन ने ताइवान का लोकतांत्रिक देश कहकर संबोधित किया था। यह बात चीन को बड़ी मिर्च लगानेवाली साबित हुई है और चीन के सरकारी मुखपत्र ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने इस मुद्दे पर आक्रामक शब्दों में धमकाया है।

‘डेमोक्रसी समिट’ में ताइवान को आमंत्रित किया तो यह बात अमरीका और ताइवान दोनों ने चीन की निर्धारित ‘रेड लाईन’ पार करनेवाली साबित होगी। इस पर प्रत्युत्तर देने के लिए चीन के लड़ाकू विमान ताइवान की सीमा पर उड़ान भरेंगे और सख्त कार्रवाई भी की जाएगी, ऐसा ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने एक लेख में धमकाया है। चीन के ‘ताइवान अफेअर्स ऑफिस’ ने भी अमरीका को इशारा दिया है और अमरीका को ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन कर रहे गुटों को गलत संदेश देना बंद करना होगा, यह इशारा भी दिया है।

इसी बीच, चीनी वायुसेना के छह विमानों ने गुरूवार के दिन ताइवान की सीमा में घुसपैठ करने की घटना सामने आयी है। इस बार चीन के चार लड़ाकू और दो गश्‍त विमानों ने घुसपैठ की थी। लड़ाकू विमानों में ‘जे-१६’ का समावेश था और इसके अलावा ‘शांक्सी वाय-८ ईडब्ल्यू’ और ‘शांक्सी वाय-८ एलिन्ट’ गश्‍त विमानों ने भी ताइवान की सीमा में प्रवेश किया था, यह जानकारी ताइवान के रक्षा विभाग ने प्रदान की।

इससे पहले चीन के सात विमानों ने १७ जून के दिन ताइवान की हवाई सीमा में प्रवेश किया था। इसके बाद एक ही समय पर पांच से अधिक विमानों ने ताइवान की सीमा में उड़ान भरने की यह बीते दो महीने की पहली की घटना है।

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