विनाशकारी हथियार आतंकियों के हाथ लगेंगे – संयुक्त राष्ट्र संघ को भारत का इशारा

संयुक्त राष्ट्रसंघ – अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबानी आतंकी अब पाकिस्तान में चरमपंथी हुकूमत स्थापित करने की तैयारी में हैं। अफ़गानिस्तान के तालिबानी नेताओं ने ऐसे इशारे भी दिए हैं और तालिबान का ही हिस्सा होनेवाली ‘तेहरिक ए तालिबान’ ने इसके लिए अपनी आतंकी गतिविधियाँ भी शुरू की हैं। इस वजह से विनाशकारी हथियार आतंकियों के हाथ लगने का भयंकर खतरा विश्‍व के सामने खड़ा है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की ‘कान्फरन्स ऑन डिसार्मामेंट – सीडी’ में यह मुद्दा उठाकर इस पर गंभीर चिंता जताई है।

विनाशकारी हथियारअमरीका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार तालिबान के हाथ लगेंगे और यह पूरे विश्‍व के लिए भयंकर बात साबित होगी, यह इशारा हाल ही में दिया था। अमरीका के पूर्व लष्करी एवं गुप्तचर अधिकारी एवं अध्ययनकर्ता और कुटनीतिज्ञ भी लगातार इस खतरे को रेखांकित करते रहे हैं। आतंकवाद का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बने पाकिस्तान के परमाणु हथियार आतंकियों से सुरक्षित नहीं रह सकते, आतंकी इन हथियारों को हथियाने की कोशिश करेंगे, यह ड़र अमरीका ने व्यक्त किया था। लेकिन, तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद यह खतरा कई गुना बढ़ा है।

इस पृष्ठभूमि पर सीडी ने आयोजित किए ‘मेजर्स टू प्रिवेंट टेटरिस्ट्स फ्रॉम अक्वायरिंग वेपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन’ विषय के चर्चा सत्र में भारत के राजदूत पंकज शर्मा ने देश की चिंता बयान की। सामूहिक संहार करनेवाले हथियार और इन्हें प्रक्षेपित करने की व्यवस्था भी आतंकियों के हाथ लग सकती है। इससे वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भयंकर खतरा निर्माण हुआ है, इस बात का अहसास राजदूत पंकज शर्मा ने कराया। इस भयंकर खतरे के खिलाफ संयुक्त राष्ट्रसंघ के सभी सदस्य देशों का एकजुट होना बड़ा आवश्‍यक है, यह आवाहन भी भारत के राजदूत ने किया।

सामुहिक संहार वाले हथियार आतंकियों के हाथ लगने जैसी दूसरी महाभयंकर बात हो ही नहीं सकती। इसी वजह से परमाणु हथियारों के प्रसार के खिलाफ ‘प्रोग्राम ऑफ एक्शन’ पूरी तरह से कार्यान्वित किया जाए, यह भारत की माँग है, ऐसा राजदूत पंकज शर्मा ने कहा। भारत एक ज़िम्मेदार परमाणु धारक देश है। परमाणु हथियार का पहले प्रयोग ना करना एवं परमाणु अस्त्र ना रखनेवाले देशों पर परमाणु अस्त्र का प्रयोग ना करने की भूमिका भारत ने अपनाई है, इसकी याद भी पंकज शर्मा ने इस दौरान करायी। इसके ज़रिये ज़िम्मेदार परमाणु अस्त्र धारक देश भारत और पाकिस्तान के बीच का फरक शर्मा ने दिखाया। पाकिस्तान ने संवेदनशील परमाणु तकनीक और परमाणु सामान का काला बाज़ार करने की बात स्पष्ट हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर शर्मा ने भारत के साफ परमाणु इतिहास पर ध्यान आकर्षित किया हुआ दिखता है।

इसी बीच मानव अधिकार आयोग में पाकिस्तान ने कश्‍मीर का ज़िक्र करके भारत पर आरोप लगानेवाला बयान किया। इस पर सख्त जवाब देते हुए यहां के भारतीय प्रतिनिधि अमरनाथ ने पाकिस्तान एक आतंकवाद का समर्थन करनेवाला देश होने की फटकार लगाई। वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को शहीद करार दिया था, इस पर भी अमरनाथ ने ध्यान आकर्षित किया।

मानव अधिकार आयोग के सामने बोलते हुए पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने जम्मू-कश्‍मीर में भारत मानव अधिकारों को कुचल रहा है, ऐसा बयान किया। इस मामले में मानव अधिकार आयोग हस्तक्षेप करे, यह माँग भी पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने रखी। इस पर बोलते हुए अमरनाथ ने पाकिस्तान का यह दुष्प्रचार जवाब देने लायक भी नहीं है, ऐसी फटकार लगाई। जम्मू-कश्‍मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न क्षेत्र था, है और आगे भी रहेगा। इसमें फिलहाल पाकिस्तान ने अवैध कब्ज़ा किए हुए कश्‍मीर के क्षेत्र का भी समावेश है। पाकिस्तान तुरंत इस क्षेत्र को खाली करे, यह माँग भी अमरनाथ ने की।

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