छत्तीसगढ में नक्सलियों के हमले में ‘सीआरपीएफ’ के १२ जवान शहीद

रायपुर, दि. ११: माओवादियों का प्रभाव रहे छत्तीसगढ के सुकमा जिले में शनिवार को सुबह ‘सीआरपीएफ’ की ‘रोड ओपनिंग पार्टी’ पर हमला हुआ| नक्सलियों के इस हमले में ‘सीआरपीएफ’ के १२ जवान शहीद हुए और ४ जवान घायल हुए| घायल हुए जवानों में से २ जवानों की हालत गंभीर है, ऐसी जानकारी प्राप्त हो रही है| इस हमले में १०० से जादा नक्सलियों ने ‘सीआरपीएफ’ के जवानों को निशाना बनाया, ऐसा कहा जा रहा है|

सुकमा जिले में कोटाचेरू गाँव के इलाके में घने जंगल में नक्सलविरोधी कार्रवाई के लिए तैनात किए गए ‘सीआरपीएफ’ की २१९-बटालियन के जवान रोड ओपनिंग के लिए जा रहे थे| तभी नक्सलवादियों ने उनपर हमला किया| राजधानी से तकरिबन ४५० किलोमीटर की दूरी पर भेज्जी क्षेत्र में हुए इस हमले में, नक्सलवादियों ने ‘सीआरपीएफ’ के २१९ जवानों की पार्टी को निशाना बनाने की कोशिश की| दक्षिण बस्तर क्षेत्र के इस इलाके में नक्सलवादियों का वर्चस्व है| इस घटना से पहले भी इस इलाके में ‘सीआरपीएफ’ के जवानों पर नक्सलवादियों ने बड़ा हमला किया था|

शनिवार को हुए नक्सली हमले में हमलावरों ने ‘सीआरपीएफ’ के जवानों के हथियार लुटने की कोशिश की| इस प्रयास में नक्सलवादी शहीद जवानों की १० रायफलें और वायरलेस यंत्रणा के दो सेट लेकर भाग खड़े हुए| नक्सलवादियों द्वारा लुटे गये रायफलों में इंसास और एके-४७ रायफलें भी शामिल हैं, ऐसी जानकारी दी गई|

बस्तर के इस इलाके में भेज्जी-कोट्टाचेरू के बीच सड़क बनाने का काम जारी है| इस काम के लिए मजदूरों को ले जाने से पहले सड़क की सुरक्षा की दृष्टि से निगरानी की जाती है| इस निगरानी के लिए ‘सीआरपीएफ’ की टीम जा रही थी, तभी नक्सलवादियों ने यह हमला किया| इस हमले के समय नक्सलवादियों ने भूसुरुंग का विस्फोट करते हुए अंधाधुंद गोलीबारी की| नक्षलवादियों के इस हमले का जवानों ने मुँहतोड जवाब दिया है। इस बीच हुई मुठभेड में १२ जवान शहीद हुए, ऐसी जानकारी ‘सीआरपीएफ’ के महासंचालक सुदीप लखटाकिया ने दी|

दक्षिण बस्तर के इस इलाके में नक्सलवादियों का प्रभाव है| उसे कम करने के लिए ‘सीआरपीएफ’ ने संख्या बढाई है| इस इलाके में मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जा रहा है और उसीके तहत स्थानिक बाजार भी ‘सीआरपीएफ’ ने शुरू किया है| साल भर पहले शुरू किया गया यह बाजार नक्सलवादियों ने आतंकी बल पर बंद किया था| यह बाजार शुरू होने की वजह से स्थानिक लोगों को रोजगार मिला है और इसी वजह से नक्सलवादियों का दबदबा कम हुआ है, ऐसा माना जा रहा है|

इन हालातों में बस्तर के दक्षिण की ओर वनक्षेत्र में खुद का खौफ़ पहले जैसा बनाने की कोशिश नक्सलवादियों की ओर से की जा रही है| शनिवार को ‘सीआरपीएफ’ के जवानों पर हुआ हमला यह नक्सलवादियों की इसी कोशिश का हिस्सा है, ऐसा माना जा रहा है|

नक्सलवादियों के हमले में १२ जवान शहीद होने के इस घटना के बाद छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमण सिंह ने कड़े शब्दों में इसका निषेध जताया है| ‘सुकमा जिले को नक्सलवादियों के भय से मुक्त करने के लिए जान की बाजी लगानेवाले जवानों की शहादत जाया नहीं जाने देंगे’ ऐसी चेतावनी देकर, छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पण कर, उनके परिवार के प्रति उन्होने हमदर्दी जताई है|

इस हमले के पृष्ठभूमि पर, सुकमा जिले के नक्सलवादविरोधी कार्रवाई की जाँच करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सुकमा को भेट दी|

गर्मी के समय, यहाँ के वनक्षेत्र में नक्सलवादियों के घातपात में बढ़ोतरी होती है, ऐसी जानकारी ‘सीआरपीएफ’ के अधिकारियों ने दी| इस समय जंगल में हुआ यह हमला यानी नक्सलवादियों की सुनियोजित साज़िश थी| इस हमले की साज़िश नक्सलवादियों के ‘हिमदा’ नाम के कॅडर ने रची थी, ऐसी जानकारी देकर, ‘हिमदा’ ख़ासकर दक्षिण बस्तर के जंगल में कार्यरत है, ऐसी जानकारी अधिकारियों ने दी| इस हमले में घायल जवानों को हेलिकॉप्टर के द्वारा भेज्जी और रायपूर के अस्पतालों में दाखिल किया गया|

इस हमले के बाद, नक्सलवादविरोधी कार्रवाई के लिए तैनात ‘कोब्रा’ जवानों की टुकड़ी ने घटनास्थल पर पहुँचकर आगे की कार्रवाई करनी शुरू की है|

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