माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई तीव्र करने के मामले में केंद्रीय गृहमंत्री की उच्चस्तरीय बैठक

नई दिल्ली, दि. २६ : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादियों के क़ायर हमले में ‘सीआरपीएफ’ के २५ जवानों की जान जाने के बाद, केंद्र सरकार ने माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई तीव्र करने का फैसला किया है| इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंग की अगुआई में उच्चस्तरीय सुरक्षासंबंधित बैठक का आयोजन किया गया| राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोबल, केंद्रीय गृहसचिव राजीव महर्षी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में सहभागी हुए थे|

केंद्रीय गृहमंत्रीसुकमा में हमला करने वाले माओवादी स्थानिकों के घरों में छिपकर बैंठे थे। इसके बारे में गोपनीय जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की होती, तो शायद इस भीषण हमले को टाला जा सकता था| इसलिए इसके आगे माओवदियों पर की कार्रवाई में गोपनीय जानकारी प्राप्त करने पर प्राथमिकता देनी होगी| इसके साथ ही, स्थानिकों के साथ संवाद और अधिक बढ़ाने की ज़रूरत भी इसी वजह से सामने आयी है, इस बात पर भी इस बैठक में सहमति होने की बात कही जाती है| साथ ही, माओवादियों के ९० प्रतिशत कारनामें ३५ ज़िलों तक सीमित रहे हैं, इसपर भी इस बैठक में ध्यान खींचा गया| माओवादियों का प्रभाव ६८ जिले में होकर भी उनके कारनामें अब सीमित हुए होने की बात इससे उजागर हो रही है|

सुकमा के हमले के बाद माओवादियों से पीड़ित इलाकों में विकास प्रकल्पों पर काम अधिक ते़ज़ करने के आदेश केंद्र सरकार ने दिये हैं| इसके लिए आधुनिक तंत्रज्ञान का इस्तेमाल करने की सूचना केंद्रीय गृहमंत्री ने इस बैठक में दी| इसके साथ ही, माओवादियों के विरोध में चलायी जानेवाली मुहिम का नये तरीके से प्लॅनिंग और उसमें नयी रणनीति इस्तेमाल करने पर भी इस बैठक में चर्चा हुई| इस मुहिम की ख़ामियाँ और साधनसामग्री की कमी दूर करने के लिये इस समय चर्चा होने की जानकारी इस बैठक में शामिल हुए अधिकारियों ने दी है|

माओवादियों के कारनामों से पीड़ित दस राज्यों की बैठक ८ मई को संपन्न होनेवाली है| इससे पहले संपन्न हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में, माओवादियों के विरोध में नयी व्यूहरचना और दाँवपेंचों की योजना बनाने के आदेश केंद्रीय गृहमंत्री ने अधिकारियों को दी है|

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