चीन की बढ़ती घुसपैठ पर मलेशिया में उद्रेक हो सकता है – अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का दावा

तैपेई घुसपैठ– दस दिन पहले चीन के १६ विमानों ने मलेशिया की हवाई सीमा में घुसपैंठ की कोशिश की। मलेशियन हवाई बल ने चिनी विमानों को खदेड़ दिया और उसके बाद चीन के राजदूत को बुलाकर कड़े शब्दों में समन्स थमाया। चीन के निवेश के कारण मलेशिया ने यह मामला और बढ़ने नहीं दिया। लेकिन अगर आनेवाले समय में चीन ने ऐसी ही हरकतें जारी रखीं, तो मलेशिया में धधक रहे गुस्से का विस्फोट होगा, ऐसा दावा अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषक कर रहे हैं।

पिछले १२ सालों से चीन यह मलेशिया का सबसे अग्रसर व्यापारी सहयोगी है। मलेशिया की बुनियादी सुविधाओं में चीन ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है। इस सहयोग का नाजायज़ फ़ायदा उठाकर, चीन की गश्तीनौकाओं और मच्छीमार नौकाओं ने इससे पहले मलेशिया की सागरी सीमा में घुसपैंठ की होने की घटनाएँ दर्ज़ हुईं थीं। लेकिन फिलीपीन्स अथवा वियतनाम इन पड़ोसी आग्नेय एशियाई देशों की तरह मलेशिया ने चीन की घुसपैठ के विरोध में राजनीतिक अथवा लष्करी आक्रामकता नहीं दिखाई थी।

लेकिन इस महीने की शुरुआत में चीन के हवाई बल के १६ विमानों ने हवाई सीमा में घुसपैठ की कोशिश करने के बाद मलेशिया के सब्र का बाँध टूटा। चिनी विमानों को ‘वॉर्निंग’ देने के लिए मलेशिया ने अपने अभिमान रवाना किए। साथ ही, ‘राजनीतिक स्तर पर किसी देश के साथ मित्रतापूर्ण संबंध होना, इसका अर्थ यह नहीं है कि हम हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करेंगे’, ऐसा स्पष्ट संदेश मलेशिया ने चीन के राजदूत को दिया । मलेशिया से चीन के राजदूत का देशनिकाला करने की माँग भी हुई थी।

चीन ने लीपापोती की भूमिका अपनाते हुए, विमान अपने नियमित प्रशिक्षण का भाग होनेवाले क्षेत्र में अभ्यास कर रहे थे, ऐसा कहा। उसके बाद मलेशिया ने यह मामला आगे नहीं बढ़ाया। लेकिन मलेशिया ने अमरीका के साथ लष्करी सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं।

आनेवाले समय में अगर चीन ने सागरी अथवा हवाई सीमा में घुसपैंठ की ही, तो मलेशिया बहुत समय तक शांत नहीं रहेगा। मलेशिया में चीन विरोधी असंतोष भड़क सकता है, ऐसा दावा अमरीका, मलेशिया और सिंगापुर के सामरिक विश्‍लेषक कर रहे हैं। वैसे संकेत मलेशिया द्वारा दिए जा रहे हैं।

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