महाराष्ट्र ‘एटीएस’ ने सात किलो युरेनियम के साथ दो लोगों को किया गिरफ्तार

मुंबई – महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दल (एटीएस) ने सात किलो युरेनियम के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बरामद किया गया युरेनियम बेचने की कोशिश हो रही थी। यह युरेनियम किसे बेचा जाना था और इन दोनों ने यह युरेनियम कहां से प्राप्त किया। इन सवालों के जवाब जानने के लिए हिरासत में लिए गए इन दोनों की कड़ी जाँच की जा रही है। साथ ही बरामद हुए इस युरेनियम की गुणवत्ता इन दोनों ने एक लैब से भी जाँची थी, यह जानकारी सामने आ रही है। इस लैब की भी तलाश की जा रही है।

maharashtra-ats-uraniumइस मामले में ‘एटीएस’ ने जिगर पांड्या और आबू ताहिर अफज़ल हुसेन चौधरी को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार जिगर पांड्या को १४ फरवरी के दिन ठाणे से गिरफ्तार किया गया था। कुछ बेहद कीमती टुकड़े बेचने के लिए वह ग्राहकों की तलाश में होने की जानकारी पुलिस को प्राप्त हुई थी। इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया। उससे बरामद हुए टुकड़े युरेनियम के होने की बात स्पष्ट होने से पांड्या से कड़ी पूछताछ की गई। इसी दौरान आबू ताहिर का नाम सामने आया। आबू ताहिर ने ही यह टुकड़े दिए होने की जानकारी पांड्या ने प्रदान की थी।

इसके बाद आबू ताहिर को तलाशकर उसे मानखुर्द से गिरफ्तार किया, यह जानकारी एटसीएस ने साझा की। मानखुर्द के ‘कुर्ला स्क्रैप असोसिएशन’ से उसे हिरासत में लिया गया है। उससे ७.१०० किलो नैसर्गिक स्वरूप का युरेनियम बरामद किया गया। इसकी कीमत २१ करोड़ रुपयों से अधिक है।

युरेनियम भारी किरणोत्सर्ग वाला पदार्थ है और परमाणु ऊर्जा, एटमी हथियारों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही कुछ संवेदनशील वैद्यकीय उपकरणों में भी युरेनियम का इस्तेमाल होता है। ‘युरेनियम’ मानव के लिए प्रचंड़ घातक भी है। इससे निकलनेवाली किरणों से कई लोगों की मौत भी हो सकती है। ‘एटीएस’ ने बरामद किया यह युरेनियम जाँच के लिए ‘भाभा ऑटोमिक रिसर्च सेंटर’ (बीएआरसी) में भेजा गया था। ‘बीएआरसी’ ने यह युरेनियम ९० फीसदी शुद्ध होने की रपट दी है, यह जानकारी ‘एटीएस’ के उप-महानिरीक्षक शिवदिप लांडे ने प्रदान की।

इसके पीछे किसका हाथ है, यह अब तक स्पष्ट नहीं हुआ है। लेकिन, घातक किरणोत्सर्ग वाला यह पदार्थ इन्होंने कहाँ से हासिल किया एवं इन दोनों ने इस युरेनियम की कौनसी लैब में जाँच कराई, यह युरेनियम बेचने के लिए उन्हें ग्राहक मिला था या नहीं, यह किसे बेचा जानेवाला था, ऐसे सवालों के जवाब प्राप्त करने की कोशिश ‘एटीएस’ कर रही है।

इसी बीच इन दोनों के खिलाफ ‘अटोमिक एनर्जी ऐक्ट १९६२’ के तहत अपराधिक मामला दर्ज़ किया गया है। नागपुर के ‘एटोमिक मिनरल्स डायरोक्टरेट ऑफ एक्सप्लोरेशन ऑफ रिसर्च’ ने इस मामले की शिकायत दर्ज़ की है। इन दोनों आरोपीयों को ‘एटीएस’ ने अदालत के सामने पेश किया था। अदालत ने उन्हें १२ मई तक पुलिस कस्टड़ी में रखने के आदेश दिए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.