पाकिस्तान जितना निचला स्तर दिखाएगा, उतना ही भारत उंचाई हासिल करेगा – संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारतीय राजदूत अकबरुद्दीन का बयान

जीनिवा/न्यूयॉर्क: कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन प्राप्त हो रहा है और इससे भारत पर बने दबाव में बढोतरी हो रही है, यह दावे पाकिस्तान के नेता कर रहे थे| लेकिन, संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानव अधिकार परिषद में कश्मीर मुद्दे पर प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्तान को सीर्फ १६ देशों का समर्थन प्राप्त करना भी मुमकिन नही हो सका है| इस वह से यह प्रस्ताव पारित करके भारत को मुश्किलों में फंसाने का पाकिस्तान ने देशा सपना भंग हुआ है| ‘कश्मीर मुद्दे पर इस तरह पाकिस्तान जितना निम्नस्तर पर जाएगा, उतना ही भारत गर्व के साथ उंचाई हासिल करेगा’, इन सटिक शब्दों में भारत के संयुक्त राष्ट्रसंघ में नियुक्त सय्यद अकबरुद्दिन ने दो देशों के बीच बना फरक दुनिया के सामने रखा|

‘यूएनएचआरसी’ में हमें ५० देशों का समर्थन प्राप्त होने का दावा पाकिस्तान के विदेशमंत्री शाह महमूद कुरेशी ने किया था| साथ ही इस वजह से भारत मुश्किलों में फंसा है, यह भ्रम कुरेशी ने किया था| लेकिन, यूएनएचआरसी में यह प्रस्ताव रखने के लिए १६ देशों का भी समर्थन पाकिस्तान को प्राप्त नही हो सका है| इस वजह से इस प्रस्ताव पर पहले ही निकाल हुआ है| पाकिस्तान के विदेशमंत्री ने ५० देशों का समर्थन प्राप्त होने संबंधी किए दावे यानी छुठ था, यह बात भी अब स्पष्ट हुई है| पाकिस्तान इसी तरह कश्मीर मुद्दा निम्नस्तर पर ले जा रहा है और खुदकी अवहेलना करवा रहा है| इसका दाखिला देकर संयुक्त राष्ट्रसंघ में भारत के राजदूत सय्यद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान को बेइज्जत किया है|

‘जहरिले दुष्प्रचार का प्रभाव जादा देर तक रह नही सकता| फिर भी इसी राह का इस्तेमाल करने का निर्णय पाकिस्तान ने किया है| लेकिन, पाकिस्तान जितने निम्नस्तर पर जाएगा, उतना ही भारत अधिक से अधिक उंचाई हासिल करेगा’ यह सटिक फटकार भी अकबरुद्दीन ने लगाई| इससे पहले पाकिस्तान ने अपनी प्रमुख निती आतंकवाद ही रहेगी, यह तय किय था, इसकी याद दिलाकर अकबरुद्दीन ने भारत की निती सिर्फ सकारात्मक थी, इस ओर भी ध्यान आकर्षित किया| पाकिस्तान को क्या करना है, यह पाकिस्तान को ही तय करना है|

लेकिन, इस देश ने हीन स्तर पर जाने का निर्णय किया हो, फिर भी भारत अपनी सकारात्मक की राह कभी छोडेगा नही, यह कहकर अकबरुद्दीन ने भारत की राह ही सभी अंगों से उचित होने की बात बडे विश्‍वास के साथ रखी|

‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को जम्मू-कश्मीर का जनजीवन पूर्ववत हो रहा है, यह बात स्वीकार करनी ही नही है’, ऐसी फटकार अमरिका में नियुक्त भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रींगला ने लगाई है| भारत ने धारा ३७० हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर की जनता में असंतोष पनप रहा है और इसका विस्फोट होगा, यह इसारा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दे रहा है| लेकिन, असलियत में जम्मू-कश्मीर की स्थिती पूर्ववत होने लगी है| यह बात पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को स्वीकारनी ही नही है, ऐसा श्रींगला ने कहा| साथ ही पाकिस्तान का आतंकवादी इतिहास भी श्रींगला ने दोहराया|

ओसामा बिन लादेन को पनाह देनेवाला पाकिस्तान आतंकवाद को बढावा देता रहा है, यह आलोचना करके इस देश के नेतृत्व ने भारत पर लगाए आरोपों को किमत देने की जरा भी जरूरत नही है, ऐसे संकेत श्रींगला ने दिए है| इसके अलावा कश्मीर मुद्दे पर जोरों से आरोप कर रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पहले अपने देश के अर्थव्यवस्था की हो रही गिरावट संभाले, यह सलाह भी भारतीय राजदूत ने दी है| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के विरोध में द्वेष से भरे जहरिले विधान करने की तैयारी में है| और ऐसे में भारत के राजनयिक अधिकारी इम्रान खान के दावों को भारत जरा भी किमत नही देगा, यह संदेश दे रहे है|

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संयुक्त राष्ट्रसंघ में अपने भाषण में आतंकवाद जैसे गंभीर प्रश्‍न का अपवाद रखकर पाकिस्तान का जिक्र करके इस देश को प्रतिष्ठा नही देंगे, ऐसा भारत के विशेषज्ञ कह रहे है| इस दौरान पाकिस्तान की सरकार अपनी नाकामयाबी से अपनी जनता का ध्यान हटाने के लिए जनता को कश्मीर मुद्दे पर भावना से भरा निवेदन कर रही है| कश्मीर मुद्दे पर हाल ही में पाकिस्तान में एक बैठक हुई| इस बैठक में बोलते समय पीओके के प्रधानमंत्री राजा फारूख हैदर ने ध्यान आकर्षित करनेवाला वक्तव्य किया|

‘जम्मू-कश्मीर की महिला हर रोज अपने घर का द्वार खोलकर पाकिस्तान की सेना वहां पर पहुंची क्या, यह देखती है| ऐसा होते हुए भी कश्मीर के मुद्दे पर एकता दिखाने के बजाए पाकिस्तान के नेता विवाद में व्यक्त है, यह निराश करनेवाली बात है, ऐसा राजा फारूख हैदर ने कहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.