राजस्थान और मध्य प्रदेश में टिड्डीदल

उज्जैन – कोरोना के संकट से सारा देश जूझ रहा है कि तभी पश्चिम बंगाल और ओडिशा चक्रवात की चपेट में आ गये। उसके बाद अब मध्य प्रदेश और राजस्थान पर नैसर्गिक आपदा का कहर टूट पड़ा है। राजस्थान के १६ और मध्य प्रदेश के १५ ज़िलों में ‘रेगिस्तानी टिड्डीदल’ ने आक्रमण किया है। इसमें फ़सलों का काफ़ी नुक़सान हुआ है।

पिछले कुछ सालों में यह सबसे बड़ा टिड्डीदल हमला बताया जाता है। ये टिड्डीदल पाकिस्तान से राजस्थान में और वहाँ से मध्य प्रदेश में दाख़िल होने की बात बतायी जाती है। पंजाब, हरियाना में भी इस टिड्डीदल ने प्रवेश किया होकर, उत्तरप्रदेश और दिल्ली में भी टिड्डीदल दाखिल होने का अनुमान जताया गया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाना इन राज्यों के दो लाख हेक्टर ज़मीन पर की रुई तथा सब्ज़ियों की फ़सलों का नुकसान किया है।

राजस्थान के ३३ में से १६ ज़िलों में टिड्डीदल हमले ने फ़सल का नुकसान किया है। साथ ही, मध्य प्रदेश के उज्जैन, मंदसौर, नीमच, अगर-मालवा तथा अन्य ज़िलों के क़िसानों का इस टिड्डीदल हमले से बड़ा नुकसान हुआ है। टिड्डीदल हमले से फ़सलों का बड़ा नुकसान हुआ, लेकिन इस नुकसान का पूर्णत: अनुमान अभी तक निश्चित रूप से बताया नहीं जा सका है।

फ़रवरी महीने में पाकिस्तान में टिड्डीदलों ने काफ़ी स्थानों पर आक्रमण किया था। इस कारण पाकिस्तान में भारी मात्रा में फ़सलों का नुकसान हुआ था। टिड्डीदल हमले के कारण पाकिस्तान में आपात् कालीन स्थिति घोषित की गयी थी और पाकिस्तान ने भारत के पास सहायता की माँग की थी। हर साल लगभग जून, जुलाई महिनों में पाकिस्तान से रेगिस्तानी टिड्डीदल भारी संख्या में राजस्थान में आते हैं। लेकिन इस साल ये टिड्डीदल अप्रैल महीने में ही आने की शुरुआत हुई। राजस्थान और मध्यप्रदेश ये राज्य इस संकट का सामना कर रहे हैं। इन राज्यों ने इस आपदा का सामना करने के लिए केंद्र सरकार से भी सहायता माँगी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.