इराक और सीरिया की तरह अफ़गानिस्तान में भी अमरीका को फिर से सेना तैनात करनी पड़ेगी – सिनेटर लिंडसे ग्रैहम का इशारा

लिंडसे ग्रैहम

वॉशिंग्टन – ‘तालिबान द्वारा अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा किए जाने के बाद आतंकवाद का खतरा काफी मात्रा में बढ़ा है। अगले दिनों में अफ़गानिस्तान चरमपंथी गुटों के लिए एवं अल कायदा के आतंकियों का आश्रयस्थान बन सकता है। इस वजह से इराक और सीरिया की तरह अफ़गानिस्तान में अमरीका को फिर से सेना की तैनाती करनी पड़ेगी’, यह इशारा रिपब्लिकन पार्टी के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम ने दिया। अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर अमरीका के हाथों में ज्यादा विकल्प ना होने का दावा भी ग्रैहम ने किया है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने जल्दबाजी करके अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी की, यह आरोप सिनेटर ग्रैहम ने लगाया है और बायडेन के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्ताव लाने के संकेत भी दिए हैं।

अमरीका के रक्षाबलप्रमुख जनरल मार्क मिले ने हाल ही में अमरीका की सुरक्षा के लिए अफ़गानिस्तान में फिर से हवाई हमले करने पड़ेंगे, यह इशारा दिया था। इस दौरान उन्होंने तालिबान सरकार की ज़िम्मेदारी संभाल नहीं पाएगा और इस देश में गृहयुद्ध शुरू होगा, यह इशारा भी दिया था। सिनेटर ग्रैहम ने भी अपने बयान से इसी मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है।

लिंडसे ग्रैहमअमरीका को पंजशीर के विद्रोही गुटों को सहायता करनी पड़ेगी। तालिबान अफ़गानिस्तान की ज़िम्मेदारी संभाल नहीं पाएगा। अफ़गान जनता तालिबान से द्वेष करती है। यदि, तालिबान के खिलाफ बगावत होती दिखाई देती है तो हमारे सामने विकल्प नहीं रहेगा। ‘आयएस’ भी तालिबान के पीछे पड़ेगी और अगले वर्ष तक पूरे देश में अंधाधुंध माहौल निर्माण होता दिखाई देगा। विदेशी हितों पर हमले करने के लिए यह स्थिति सहायक बन सकती है’, ऐसा इशारा सिनेटर ग्रैहम ने ‘बीबीसी’ को दिए साक्षात्कार के दौरान दिया।

अफ़गानिस्तान में उभरे आतंकवाद के खतरे पर ध्यान आकर्षित करने के साथ ही इराक में भी आतंकवाद के खतरे की वजह से ही अमरीका ने फिर से सेना की तैनाती की थी, यह याद भी ग्रैहम ने दिलाई। अमरीका के फिलहाल पांच हज़ार सैनिक इराक में तैनात होने का दावा भी ग्रैहम ने किया। राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की आलोचना करते हुए उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि, अफ़गानिस्तान के बारे में दी गई सलाह को बायडेन ने नजरअंदाज किया। अफ़गानिस्तान से अमरीका ने वापसी करने से निर्माण हुई स्थिति की वजह से संभवत: फिर से ९/११ जैसा हमला हो सकता है, यह दावा भी उन्होंने किया था। अमरीका के सहयोगी ब्रिटेन ने भी यह संकेत दिए हैं कि, ‘आयएस’ विरोधी कार्रवाई करने के लिए फिर से अफ़गानिस्तान में उतरने की स्थिति निर्माण हो सकती है।

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