लीबिया की सरकार को पराजित किए बिना संघर्ष बंद नही करेंगे – जनरल खलिफा हफ्तार का इशारा

Third World War

त्रिपोली: लीबिया में सरकार का समर्थन करनेवालों की हार करने तक संघर्ष नहीं रुकेगा, ऐसी कड़ी चेतावनी लीबिया में बागी नेता जनरल खलीफा हफ्तार ने दी है| जनरल हफ्तार के नेतृत्व में लिबियन नैशनल आर्मी (एलएनए) ने राजधानी त्रिपोली के मुख्यकेंद्र से कुछ किलोमीटर पर होनेवाले सलाह अल-दिन भाग पर कब्जा प्राप्त किया है| अबतक सरकार समर्थक गुट एवं एलएनए में हुए संघर्ष में लगभग ५०० लोगों की जान गई है और ७५००० से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं|

२०११ में अरब इस्लामी देशों में हुए अरब स्प्रिंग के क्रांति में लीबिया की जनता ने मुअम्मर गद्दाफी के हुकूमत के विरोध में बगावत की थी| पाश्चात्य देशों के समर्थन में लिबियाई जनता एवं सशस्त्र टोलियों ने गद्दाफी का प्रशासन उठाया था| उसके बाद लीबिया में स्वतंत्र सरकार भी स्थापित हुई थी| पर पिछले कई महीनों से लीबिया में सरकार और जनरल हफ्तार इनके बगावत में संघर्ष शुरू है| राजधानी त्रिपोली कब्जे में लेने के लिए हफ्तार इनके नेतृत्व में एलएनए ने आक्रामक मुहिम हाथ ली है और रॉकेट, मॉर्टर्स और मिसाइलों की सहायता से हमले किए जा रहे हैं|

जनरल हफ्तार के फौजियों ने राजधानी त्रिपोली से कुछ किलोमीटर दूरी पर होनेवाले सलाह अल-दीन भाग पर कब्जा किया है| इस पृष्ठभूमि पर जनरल हफ्तार ने दी एक मुलाकात में राजधानी त्रिपोली में सरकार को समर्थन देने वाले गुटों की हार होने तक संघर्ष नहीं रुकेगा ऐसा सूचित किया है| उस समय उन्होंने संयुक्त राष्ट्रसंघ से किए जाने वाली मध्यस्थता पर तीव्र नाराजगी व्यक्त करके, उनके द्वारा पक्षपाती विधान करने का आरोप किया है|

लीबिया में सरकार को यूरोपीय देश तथा तुर्की से सहायता होने की बात कही जाती है| तथा जनरल हफ्तार इनके फौजों को सौदी अरब, इजिप्ट एवं संयुक्त अरब अमीरात से शस्त्र प्रदाय होने का दावा किया जाता है| अप्रैल महीने से हफ्तार को होनेवाले शस्त्र प्रदाय का प्रमाण बढा है और उससे संघर्ष अधिक बढ़ने की बात मानी जा रही है| पिछले डेढ़ महीनों में राजधानी त्रिपोली के साथ नजदीकी भाग में हुए संघर्ष में लगभग ५०० से अधिक लोगों की जान गई है| उस समय राजधानी के पास रहने वाले ७५००० नागरिकों पर विस्थापित होने का समय आने की जानकारी सूत्रों से मिली है|

लिबियन सरकार तथा हफ्तार के बागियों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ ने रखा संघर्षबंदी का प्रस्ताव ठुकराने की वजह से लीबिया में गृहयुद्ध अधिक बढ़ने का डर व्यक्त किया जा रहा है|

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