लेबनान के मनोनीत प्रधानमंत्री हरिरी का इस्तीफा – लेबनान में राजनीतिक संकट तीव्र हुआ

lebanon-pm-resignation-1बैरूत – ‘राष्ट्राध्यक्ष मिशेल एऑन की माँगे पूरी करने जैसीं नहीं हैं। इसके आगे ईश्वर ही इस देश की रक्षा करें’, ऐसा कहकर लेबनान के मनोनीत प्रधानमंत्री साद हरिरी ने अपने पद से इस्तीफा दिया। हरीरी के इस इस्तीफे के बाद राजधानी बैरूत मैं हिंसक प्रदर्शन और आगजनी शुरू हुई। वहीं, अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में अमरिकी डॉलर की तुलना में लेबनीज पाउंड का मूल्य रिकॉर्ड स्तर पर गिरा है। बता दें, लेबनान सामाजिक विस्फोट से कुछ ही दिन दूर होने की चेतावनी इस देश के केयरटेकर प्रधानमंत्री हसन दियाब ने हाल ही में दी थी।

पिछले साल बेरूत बंदरगाह में हुए शक्तिशाली बम विस्फोट में लगभग २०० लोगों की जानें गईं थीं। इस घटना के बाद लेबनान की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था। इस कारण, पहले से ही संकट में फँसी लेबनान की अर्थव्यवस्था मंदी की खाई में गिरी थी। मुद्रास्फीति चरमसीमा तक पहुँचने के कारण लेबनान की जनता को अनाज की खरीद करना मुश्किल होने लगा था। इंधन, बिजली और दवाइयों की सप्लाई कम पड़ रही थी।

lebanon-pm-resignation-2देश को अगर आर्थिक संकट से बाहर निकालना हो, तो जल्द से जल्द लेबनान में नई सरकार स्थापन करने की आवश्यकता है, इसका एहसास जागतिक बैंक ने करा दिया था। उसके अनुसार, पिछले साल अक्तूबर महीने में लेबनान की संसद ने साद हरिरी का प्रधानमंत्री के रूप में चयन किया था। हरिरी ने भी टेक्नोक्रॅट्स यानी कौशलसंपन्न नेताओं को चुनकर इस मंत्रिमंडल की सूचि राष्ट्राध्यक्ष एऑन को प्रस्तुत की थी।

गुरुवार को संपन्न हुई बैठक में कामा ईरान समर्थक हिजबुल्ला के साथ जुड़े हुए राष्ट्राध्यक्ष एऑन ने हरिरी सरकार के मंत्रिमंडल की यह सूची ठुकराई। साथ ही कमाने सरकार की स्थापना के लिए जल्द ही तारीख घोषित करेंगे, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष एऑन ने स्पष्ट किया। लेकिन मंत्रिमंडल पर खुद का नियंत्रण रहें इसके लिए राष्ट्राध्यक्ष एऑन ने सुझाए बदलाव देश के हित में नहीं थे, ऐसा आरोप हरिरी ने किया।

हरिरी के इस्तीफे की घोषणा के बाद लेबनान के प्रमुख शहरों में ज़ोरदार प्रदर्शन शुरू हुए। राजधानी बेरुत में नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर आगजनी करने की और रास्ते रोकने की खबरें हैं। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने लेबनीज जवानों पर पथराव किया होने का दावा किया जाता है। उसमें एक जवान घायल हुआ, ऐसा सूत्रों का कहना है। उसी के साथ, अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट में एक अमरिकी डॉलर की तुलना में लेबनीज पाउंड २१ हज़ार तक फिसल गया।

लेबनान की इस राजनीतिक अस्थिरता पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर से प्रतिक्रियाएँ आईं हैं। लेबनान के नेताओं को उन्होंने ही निर्माण किए इस संकट का हल नहीं मिल रहा है, ऐसी आलोचना फ्रान्स के विदेश मंत्री जीन येस ले-द्रियान ने की। सरकार स्थापन करने में हुई असफलता यह लेबनान के लिए बड़ा संकट साबित होगा, ऐसी चेतावनी फ्रेंच विदेश मंत्री ने दी। लेबनीज नेता उनके मतभेद बाजू में रखकर जल्द ही सरकार स्थापन करें, ऐसा आवाहन अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन ने किया। वहीं, इस फैसले के गंभीर परिणाम लेबनान को भुगतने पड़ेंगे, ऐसी चिंता अरब लीग ने व्यक्त की। लेबनान की इस अस्थिरता का असर सीमा की सुरक्षा पर हो सकता है, यह बताकर इस्रायल ने अपने लष्कर को सतर्कता के आदेश दिए हैं।

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