शक्तिशाली विस्फोट से दहल उठा लेबनान – 135 ढ़ेर, पांच हज़ार घायल

बेरूत – लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार के दिन हुए शक्तिशाली विस्फोट में 135 लोग मारे गए और कम से कम पांच हजार घायल हुए। बेरूत के बंदरगाह में स्थित गोदाम में रखे गए अमोनियम नायट्रेट की वजह से यह विस्फोट होने की जानकारी लेबनीज सरकार ने प्रदान की है। साथ ही बेरूत में अगले दो हफ़्तों के लिए इमर्जन्सी का ऐलान किया गया है। इसी बीच अमोनियम नायट्रेट का विस्फोट होने से बेरूत में ज़हरीली वायु फैलने की संभावना व्यक्त करके अमरीकी दूतावास ने बेरूत के नागरिकों से घर में ही रहने का और संभव हो तो मास्क लगाने का आवाहन किया है। यह विस्फोट किसी बम हमले की तरह था, यह प्रतिक्रिया अमरीकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने व्यक्त की है।

शक्तिशाली विस्फोट

बेरूत के बंदरगाह में स्थित गोदाम में मंगलवार के दिन लगातार दो विस्फोट हुए। इस विस्फोट की तीव्रता का एहसास करके इस दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोगों के हताहत होने की संभावना लेबनान की वैद्यकीय एवं स्थानीय यंत्रणाएं व्यक्त कर रही है। बुधवार की शाम तक इस विस्फोट से प्रभावित हुए इलाकों से 135 शव बरामद किए हैं। इस दौरान कम से कम पांच हज़ार लोग घायल गुए हुए हैं और इनमें से 90 लोगों की स्थिति गंभीर होने का दावा किया जा रहा है। इस विस्फोट से तबाह हुई इमारतों के मलबे के नीचे अभी भी कई लोग दबे होने की चिंता व्यक्त की जा रही है। तभी कई लोग अपने परिजनों की खोज करने के लिए परेशान होने की जानकारी स्थानीय यंत्रणा ने प्रदान की। इस विस्फोट से कम से कम तीन लाख लोग बेघर होने की जानकारी प्राप्त हो रही है।

बेरूत के बंदरगाह में हुए इस विस्फोट में अनाज का भंड़ार भी नष्ट हुआ हैं, ऐसा दावा लेबनीज सरकार कर रहीहैं। पहले ही लेबनान की अर्थव्यवस्था ‘हायपर इन्फ्लेशन’ का मुकाबला कर रही हैं। इस विस्फोट से लेबनान का 3.5 अरब डॉलर्स का नुकसान होने का दावा किया जा रहा हैं और इस देश की अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर होने की संभावना भी व्यक्त की जा रही हैं।

इस बंदरगाह में मौजूद संयुक्त राष्ट्रसंघ के शांति सैनिकों के (युनिफील) जहाज़ का भी विस्फोट से नुकसान हुआ हैं और कुछ सैनिक घायल होने की जानकारी भी सामने आ रही हैं। इसी बीच विस्फोट के कारण नज़दिकी तीन अस्पतालों का बड़ा नुकसान हुआ हैं। इससे विस्फोट से घायल हुए लोगों पर इलाज़ करने की व्यवस्था में कठिनाई होने की जानकारी यहां के ‘ऑर्डर ऑफ नर्सेस’ नामक संगठन के अध्यक्ष डॉ.मिर्ना डौमित ने साझा की।

बेरूत के बंदरगाह में हुई इस विस्फोट के लिए सबसे पहले इस्रायल की ओर आशंका से देखा जा रहा था। हिज़बुल्लाह के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर इस्रायली सेना ने बेरूत पर हमला किया होगा, यह संभावना व्यक्त की जा रही थी। इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री रफीक हरिरी की हत्या के मामले में दर्ज़ मुकदमे का निर्णय शुक्रवार के दिन घोषित होना है। इस निर्णय को प्रभावित करने के लिए हिज़बुल्लाह ने ही यह विस्फोट करवाया होगा, यह भी कहा जा रहा था। लेकिन, इस्रायली सेना और हिज़बुल्लाह ने इस घटना से अपना संबंध ना होने का ऐलान किया।

शक्तिशाली विस्फोट

इसी दौरान, बंदरगाह के गोदाम में रखे गए अमोनियम नायट्रेट के 2750 टन असुरक्षित भंड़ार की वजह से यह विस्फोट होने की जानकारी प्रधानमंत्री हसन दियाब ने साझा की। खेती के लिए खाद और विस्फोटक तैयार करने के लिए इस्तेमाल हो रहे इस रसायन का इतनी बड़ी मात्रा में भंड़ार होने की बात सामने आने के बाद लेबनीज सरकार ने पांच दिनों में इस विस्फोट के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। साथ ही अगले कुछ दिनों के लिए लेबनीज सेना बेरूत की सुरक्षा व्यवस्था संभाले, यह सूचना भी की गई है।

शक्तिशाली विस्फोट

इस विस्फोट की वज़ह से बेरूत में 3.3 रिश्‍टर स्केल तीव्रता के झटके महसूस हुए। इस विस्फोट के झटके 180 मील दूरी पर यूरोप के सायप्रस में भी महसूस होने का दावा किया जा रहा हैं। विस्फोट की वज़ह से बंदरगाह में कुछ क्षण के लिए मशरुम के आकार में धुएं का बादल उठता हुआ दिखाई दिया। इस दौरान दुसरें विश्‍वयुद्ध के बीच जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम के हमलें होने के बाद जो स्थिति दिखाई पड़ी थी वैसी ही स्थिति इस विस्फोट के बाद निर्माण हुई थी, यह बात बेरूत के स्थानिय लोगों ने कही हैं।

बेरूत में हुए विस्फोट की पृष्ठभूमि पर अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रतिक्रिया दर्ज़ की हैं और यहां हुआ विस्फोट किसी बम हमलें की तरह था, यह बयान उन्होंने किया हैं। इस विस्फोट की घटना के बाद विश्‍व के प्रमुख देशों ने लेबनान को सहायता प्रदान करने का ऐलान किया हैं। ब्रिटेन, जर्मनी, मलेशिया, तुर्की एवं इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने भी अपने पड़ोसी देश की सहायता करने के लिए राहत दल भेजने का ऐलान किया हैं। इसके साथ ही इस्रायल ने घायलों पर इस्रायल के अस्पतालों में इलाज़ करने की तैयारी भी दिखाई हैं।

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