बेरूत विस्फोट के बाद लेबनान की सरकार का इस्तिफा

बेरूत – बीते सप्ताह मे बेरूत के बंदरगाह में हुए विस्फोट के बाद जनता के गुस्से का सामना कर रही और भ्रष्टाचार के आरोप हो रही लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दियाब की सरकार ने सोमवार के दिन इस्तिफा दिया। लेबनान में हो रहे भ्रष्टाचार ने बेरूत में विस्फोट करवाया है, यह आलोचना प्रधानमंत्री दियाब ने इस दौरान की। प्रधानमंत्री दियाब के इस्तिफे के साथ ही राष्ट्राध्यक्ष मिशेल एऑन के इस्तिफे की माँग जोर पकड़ रही हैं। इसी बीच, बेरूत विस्फोट की पारदर्शिता से जाँच हो, यह माँग अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने की हैं।

बेरूत विस्फोट

4 अगस्त के दिन बेरूत के बंदरगाह में हुए विस्फोट में 200 से अधिक लोग मारे गए थे और छह हज़ार से अधिक घायल हुए हैं। बेरूत बंदरगाह के एक गोदाम मे असुरक्षित तरीके से रखें गए अमोनियम नायट्रेट के भंड़ार की वज़ह से यह विस्फोट होने की जानकारी सामने आयी है। वहां के कस्टम अधिकारियों ने राष्ट्राध्यक्ष एऑन के साथ उनकी सरकार को इस भंड़ार को लेकर अलर्ट किया था और इसके बावजूद आवश्‍यक ध्यान रखा नही गया, इस कारण लेबनीज्‌ सरकार पर कड़ी आलोचना हो रही है। लेबनीज जनता का यह गुस्सा शांत करने के लिए सरकार ने बंदरगाह के मौजुदा कस्टम अधिकारियों के साथ कुछ कामगारों की गिरफ़्तारी की थी। इसी बीच राष्ट्राध्यक्ष एऑन ने इस विस्फोट के पीछे बारही शक्ति ज़िम्मेदार होने का आरोप करके बेरूत पर मिसाइल हमलें होन की संभावना व्यक्त की थी।

लेकिन, इससे पहले ही देश को आर्थिक संकट मे धकेलनेवाली, भ्रष्टाचार के आरोप हो रही दियाब सरकार के विरोध मे बनी भावना बेरूत के इस विस्फोट से और भी तीव्र हुई। इस दौरान बेरूत की जनता ने रास्तों पर उतरकर प्रदर्शन किए। साथ ही सरकार के मंत्रालयों पर कब्ज़ा करके प्रदर्शनकारियों ने ‘जड़ों से शिखर’ तक सरकार बदलने की माँग की। इसके बाद लेबनान की सरकार के चार नेताओं ने इस्तिफा देकर प्रधानमंत्री दियाब पर दबाव बढ़ाया। प्रधानमंत्री दियाब ने भी सोमवा की शाम अपने पद का इस्तिफा देकर जल्द ही चुनाव करने का ऐलान किया। साथ ही बेरूत विस्फोट के लिए अपने देश में महामारी की तरह फैला भ्रष्टाचार ज़िम्मेदार होने का आरोप दियाब ने किया।

तभी अपने यहां देश की सुरक्षा से भी अधिक भ्रष्टाचार को सबसे अधिक अहमियत दी जा रही हैं, यह आरोप भी दियाब ने किया। दियाब के इस्तिफे के साथ ही राष्ट्राध्यक्ष एऑन के इस्तिफे की माँग भी ज़ोर पकड़ रही हैं। एऑन के दलीय सहयोगियों ने ही उनकी भूमिका पर सवाल करना शुरू किया हैं। तभी लेबनीज्‌ राष्ट्राध्यक्ष और हिज़बुल्लाह को बचाने के लिए ईरान सामने आया हैं। बेरूत विस्फोट पर राजनीति ना करें, यह आवाहन ईरान के विदेशमंत्री जावेद झरीफ ने किया हैं।

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