‘फेसबुक’ की ‘लिब्रा डिजिटल करन्सी’ से प्रमुख कंपनियां बाहर – मास्टरकार्ड, वीजा और इबे अब नहीं होंगी ‘लिब्रा’ का हिस्सा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैलिफोर्निया: चार महीने पहले बडे जोश के साथ जारी करने का ऐलान किए गए फेसबुक की ‘लिब्रा’ इस डिजिटल करन्सी को एक के साथ एक जोरदार झटके लगे है| मात्रा २४ घंटों में ‘लिब्रा’ जारी करने में शामिल हुए पांच कंपनियों ने इस उपक्रम से बाहर निकलने का ऐलान किया है| इन कंपनियों में जागतिक स्तर पर काम कर रही ‘पेमेंटस्’ क्षेत्र की नामांकित मास्टरकार्ड, वीजा और स्ट्राईप कंपनियों का समावेश है| इस घटना की वजह से वर्ष २०२० में ‘लिब्रा करन्सी’ जारी करने की फेसबुक की कोशिश नाकाम होने के संकेत मिल रहे है|

अक्टुबर महीने के सुरू में ही पिछले दो दशकों से ऑनलाईन पेमेंटस् क्षेत्र की नामांकित कंपनी के तौर पर पहचान प्राप्त होनेवाली पेपाल कंपनीने पीछे हटने का निर्णय किया था| इस निर्णय को अमरिका और यूरोपिय देशों से हो रही जांच की पृष्ठभूमि होने की बात कही जा रही है| अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रमप ने ‘लिब्रा’ के विरोध में खुलेआम नाराजगी व्यक्त की थी| इसके बाद अमरिकी संसद की कई समितिओं ने इसी मुद्दे पर फेसबुक की जांच करने के संकेत दिए थे| अक्टुबर महीने के आखिरी दिनों में होनेवाली एक बैठक में फेसबुक के प्रमुख मार्क झुकेरबर्ग को भी जांच के लिए उपस्थित रहने की नोटीस देने की बात सामने आयी है|

इसके साथ ही अब यूरोपिय देशों ने भी ‘लिब्रा’ की जांच करने की तैयारी शुरू की है| यूरोपिय महासंघ ने फेसबुक एवं लिब्रा असोसिएशन इन दोनों को स्वतंत्र नोटीस देने की जानकारी महासंघ के प्रवक्ता ने दी थी| यह नोटीस जर्मनी और फ्रान्स इन महासंघ के प्रमुख देशों ने अपनाई भूमिका का असर होने की बात समझी जा रही है| बडी निजी कंपनियां किसी भी जनतांत्रिक नियंत्रण रखे बिना उनके चलन जारी करेंगे, यह बात हम कभी भी स्वीकार नही करेंगे, इन शब्दों में फ्रान्स के वित्तमंत्री ब्रुनो ले मेर ने फ्रान्स सरकार की भूमिका स्पष्ट की| जर्मनी ने भी फेसबुक लिब्रा को अनुमति ना देने का इशारा दिया था|

अमरिका और यूरोपिय देशों ने अपनाई यह आक्रामक भूमिका ‘लिब्रा’ में शामिल हो रही कंपनियों का पीछे हटने का कारण साबित हुई है| तकनीक एवं वित्तक्षेत्र की करीबन २० कंपनियों का प्राप्त समर्थन ‘फेसबुक लिब्रा’ की खासियत समझी जा रही थी| लेकिन, पेपाल के पीछे हटने से इस विशेषता में दरार बनी थी| इसके पीछे अब पांच नामांकित कंपनियों ने लिब्रा में शामिल ना होने का निर्णय करके बडा झटका दिया है| इन कंपनियों में मास्टरकार्ड, वीजा, इबे, मकार्डो पैगो और स्ट्राईप इन कंपनियों का समावेश है| यह पांचो कंपनियां ‘ऑनलाईन पेमेंटस्’ क्षेत्र में कार्यरत है|

जून महीने में ‘फेसबुक’ ने ‘लिब्रा’ नाम से अपनी ‘क्रिप्टोकरन्सी’ शुरू करने का ऐलान किया था| ‘बैंक में जमा राशी’ और ‘सरकारी बांड’ के आधार पर यह डिजिटल करन्सी वर्ष २०२० के दरमियान जारी करने का दावा फेसबुक ने किया था| दुनिया भर में बैंक खाता ना होनेवाले करोडों लोग इस चलन का इस्तेमाल करेंगे, ऐसे दावे फेसबुक ने किए थे| और इन दावों के कारण अमरिका समेत दुनिया की प्रमुख देशों में सनसनी उडी थी|

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