भारतीय नौसेना की ‘स्कॉर्पिन’ प्रवर्ग की ‘आयएनएस वागिर’ का जलावतरण

मुंबई – भारतीय नौसेना की ‘स्कॉर्पिन’ प्रवर्ग की पाँचवीं पनडुब्बी ‘आयएनएस वागिर’ का गुरुवार के दिन जलावतरण किया गया। मुंबई स्थित माझगांव डॉक में आयोजित समारोह में रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद नाईक वीडियो कान्फरन्सिंग के माध्यम से उपस्थित थे। ‘प्रोजेक्ट ७५’ के तहत निर्माण की गई यह पाँचवीं पनडुब्बी है और छठीं पनडुब्बी का निर्माण अभी जारी है। अगले वर्ष तक ‘आयएनएस वागिर’ भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होगी, यह विश्‍वास नौसेना के वेस्टर्न कमांड के प्रमुख आर.बी.पंडित ने इस दौरान व्यक्त किया। जलावतरण के कार्यक्रम के लिए वरिष्ठ नौसेना अधिकारी एवं फ्रेंच नेवल ग्रुप के अफ़सर भी उपस्थित थे।

ins-submarineफ्रेंच नौसेना की छह ‘स्कॉर्पिन क्लास’ पनडुब्बियों का निर्माण करने की ज़िम्मेदारी ‘माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड’ को दी गई थी। इनमें से ‘आयएनएस कलवरी’, ‘आयएनएस खांदेरी’ पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना में कार्यरत हुई हैं और ‘आयएनएस करंज’ और ‘आयएनएस वेला’ का समुद्री परीक्षण जारी है। ये दोनों पनडुब्बियाँ अगले कुछ महीनों में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होंगी, ऐसा कहा जा रहा है। ‘हंटर किलर’ के तौर पर पहचानी जा रहीं ये पनडुब्बियाँ ‘एंटी वॉरशिप’ एवं ‘एंटी सबमरीन वॉरफेअर’ की क्षमता रखती है। ये पनडुब्बियाँ खुफिया जानकारी प्राप्त करने के साथ ही, निगरानी एवं समुद्री सुरंग लगाने की ज़िम्मेदारी भी आसानी से निभा सकती हैं।

डिज़ल इलेक्ट्रिक प्रकार की इन पनडुब्बियों की लंबाई २२० फिट है और ये प्रतिघंटा २० नॉटस्‌ गति पकड़ सकती हैं। समुद्र की गहराई में यात्रा करते समय काफी कम आवाज़ करना ‘स्कॉर्पिन क्लास’ पनडुब्बियों की विशेषता समझी जाती है। ‘टोर्पेडोज’ और ‘एंटी शिप मिसाइल्स’ से लैस इन पनडुब्बियों पर भारत के ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (डीआरडीओ) ने विकसित की हुई ‘एअर इंडिपेंडंट प्रॉपल्जन सिस्टिम’ भी तैनात की गई है।

भारत का समुद्री तट ७.५ हज़ार किलोमीटर का है और इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए भारतीय नौसेना को प्रगत पनडुब्बियों की आवश्यकता होने की माँग बीते कई वर्षों से हो रही है। भारत का पड़ोसी देश चीन विश्‍व में दूसरें क्रमांक की नौसेना रखता है। इसी चीन की नौसेना के बेड़े में ७९ पनडुब्बियाँ मौजूद हैं और बीते कुछ वर्षों में इन पनडुब्बियों की हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में मौजूदगी और भारतीय क्षेत्र में गश्‍त भी बढ़ी है। इसके अलावा पाकिस्तान को आठ पनडुब्बियाँ प्रदान करने का निर्णय भी चीन ने किया है।

भारतीय नौसेना के बेड़े में फिलहाल १७ पनडुब्बियाँ शामिल हैं। इस पृष्ठभूमि पर, भारतीय नौसेना को प्रगत पनडुब्बियों से सज्जित करने की माँग बीते कुछ वर्षों से हो रही थी। इसी पृष्ठभूमि पर, कुछ महीनें पहले ही भारतीय नौसेना ने स्टेल्थ पनडुब्बियों के लिए निविदा जारी करने की जानकारी साझा की थी।

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