पाकिस्तान में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा; भारत द्वारा तीखी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली/इस्लामाबाद, दि. १०: पाकिस्तान की लष्करी अदालत ने कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई है| ‘जाधव भारत के ‘रॉ’ के एजेंट हैं और हमारे देश में घातपात करने के लिए आए हैं’ ऐसा इल्जाम पाकिस्तान ने लगाया है| लेकिन कुलभूषण जाधव को ईरान की सीमा से आगवा करके पाकिस्तान में लाया गया है, ऐसा इल्ज़ाम भारत ने लगाया है| जाधव को सुनाई गई सजा यानी पूर्वग्रहदूषित हत्या की कोशिश है, ऐसी कड़ी आलोचना भारत के विदेशसचिव ने की है|

३ मार्च २०१६ को पाकिस्तान ने जाधव की गिरफ्तारी की ख़बर की घोषणा की थी| ईरान से सटे पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाके से जाधव को गिरफ्तार किया गया है, ऐसा पाकिस्तानी यंत्रणा ने कहा था| साथ ही, जाधव भारतीय नौसेना के अधिकारी हैं और ‘रॉ’ के एजेंट के तौर पर घातपात करने के लिए पाकिस्तान में आये थे, ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तान ने लगाया था| ‘कुलभूषण जाधव ने इस बात को कबूला है’ ऐसा कहते हुए पाकिस्तान ने एक वीडियो भी जारी किया था| लेकिन विशेषज्ञों ने इस वीडियों पर सवाल उठाए थे|

कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना की सेवा में थे, लेकिन उन्होंने सेवानिवृत्ति ली थी, ऐसा खुलासा भारत ने किया था| साथ ही ‘वे ‘रॉ’ के एजेंट हैं’ ऐसा पाकिस्तान का इल्जाम हास्यास्पद है, ऐसा भारत ने कहा था| ‘ईरान की सीमा से तालिबान ने जाधव को आगवा किया था और तालिबानी आतंकवादियों ने ही उन्हें पाकिस्तानी खुफिया एजन्सी को सौपने के लिए सौदा किया था और अपने पास इस संदर्भ में सबूत भी हैं’ ऐसा दावा जर्मनी के पाकिस्तान के पूर्व राजदूत ने किया था|

लेकिन कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी यानी भारत की पाकिस्तान में घातपात करने की साज़िश का जीताजागता सबूत है, ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तान की ओर से किया जा रहा है| साथ ही, ‘पाकिस्तान की सरकार आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह बात उठाकर भारत की साज़िश का पर्दाफाश नहीं कर रही’ ऐसी आलोचना पाकिस्तान के कट्टरपंथीय तथा मीडिया भी कर रही है| लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताझ अझिज ने, ‘जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं है’ इस बात को कबूला था| अझिज ने इस बात को पाकिस्तानी संसद के सामने ही कबूला था|

इस पृष्ठभूमि पर, पाकिस्तान की लष्करी अदालत ने कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा देने की घोषणा की है| इसपर भारत की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आयी है| इस संदर्भ में भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को समन्स दिया है| पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बसित ने इस संदर्भ में खुद उपस्थित रहकर स्पष्टीकरण देना चाहिए, ऐसी सूचना विदेश सचिव एस. जयशंकर ने दी थी| यही नहीं, बल्कि बुधवार को कुछ पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई होनेवाली थी, लेकिन यह रिहाई रोकी गई है|

जाधव के खिलाफ़ किसी भी प्रकार के सबूत नहीं हैं। इसके बावजूद भी उन्हें सज़ा सुनाई जाना, इसका मतलब यह पूर्वनियोजित साज़िश के तहत की जानेवाली हत्या का हिस्सा है, ऐसा इल्ज़ाम एस. जयशंकर ने लगाया है| साथ ही, जाधव के खिलाफ़ के मुकदमे के संदर्भ में पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास को जानकारी नहीं दी गई है, इस ओर भी जयशंकर ने ध्यान खींचा| साथ ही, पाकिस्तान के लष्करी न्यायालय की विश्‍वासार्हता पर भी जयशंकर ने सवाल उठाए हैं|

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