कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय की रोक

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने जासूसी और आतंकी हरकतों का आरोप लगाकर सुनवाई फांसी की सजा का अपराधी बने कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में बडी अवहेलना का सामना करना पडा है| पाकिस्तान के लष्करी न्यायालय ने कुलभूषण जाधव को सुनवाई फांसी की सजा पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने रोक लगाई है| साथ ही जाधव को वकिलों की सहायता देने का भारत का अधिकार भी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मंजूर किया है| इस मामले में पाकिस्तान ने वियन्न समझौते का उल्लंघन किया है, यह आरोप भी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने रखा है|

जाधव को वकिलों की सहायता देने के लिए भारत को प्राप्त अधिकारी मंजूर करके उनके पर लगाया मुकदमे का काम आगे नागरी न्यायालय में पूरा करने के आदेश अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने दिए है| कुलभूषण की फांसी की सजा पर लगाई रोक और उन्हें वकिलों की सहायता देने की भारत की मांग मंजूर करके अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को झटका दिया है| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने इस निर्णय का स्वागत किया है| यह भारत के लिए काफी बडा विजय होने का दावा हो रहा है|

वर्ष २०१६ में पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को गिरफ्त में लिया था| वर्ष २०१७ में पाकिस्तान के लष्करी न्यायालय ने मुकदमा चलाकर जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी| पाकिस्तान के बलुचिस्तान में भारत के लिए झुठे नाम से जासूसी करना और उन्होंने आतंकी हरकत करने का आरोप पाकिस्तान ने जाधव के विरोध में रखे थे| साथ ही वह भारतीय रक्षादलों में आज भी कार्यरत है, यह दावा पाकिस्तान कर रहा है|

लेकिन, भारत ने यह आरोप ठुकराए थे और कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवाह करके पाकिस्तान लाया गया था, यह आरोप भी भारत ने रखा था| साथ ही जाधव वर्ष २००३ में भारतीय नौसेना से निवृत्त हुए थे, इस ओर भारत ने ध्यान आकर्षित किया| जाधव को कैसे और कहां पर गिरफ्त में लिया इसकी जानकारी पाकिस्तान आजतक देने में नाकाम हुआ है, इस अहम मुद्दे पर भारत ने ध्यान आकर्षित किया था| इसी कारणी जाधव के विरोध में विश्‍वासार्हता ना होनेवाले पाकिस्तान के लष्करी न्यायालय में मुकदमा चलाया गया था| इस मुकदमें की जानकारी भी गोपनीय रखी गई थी| जाधव को वकिलों की सहायता देने के लिए भारत ने १५ बार रखी मांग भी पाकिस्तान हर बार ठुकराई थी| यही बात पाकिस्तान के विरोध में गई है और इस वजह से अंतरराष्ट्रीय कानून का भंग हो रहा है, यह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने स्वीकार किया|

जाधव की सजा पर रोक लगने का समाचार प्रसिद्ध होने पर पूरे देश में आनंद की लहर उठी| सातारा में फटाके जलाकर जनता ने आनंद व्यक्त किया|

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में १६ में से १५ जजों ने इस सजा पर रोक लगाने के पक्ष में निर्णय किया| वही, विरोध में निर्णय करनेवाले न्यायाधीश पाकिस्तान के थे, यह कहा जा रहा है| अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का यह निर्णय यानी भारत की बडी जीत समझी जा रही है| वही, पाकिस्तान के माध्यम जाधव को रिहा करने में भारत नाकाम होने का दावा कर रहे है|

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के इस निकाल का अंदाजा लगने पर पाकिस्तान ने जाधव के मामले का निर्णय अंतरराष्ट्रीय न्यायालय नही कर सकता, यह सूर लगाना शुरू किया था|

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