उइगरवंशियों का नहीं, बल्कि कश्मीर का मुद्दा महत्वपूर्ण है – पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का दावा

कश्मीर का मुद्दाइस्लामाबाद – चीन द्वारा बेरहमी से अत्याचार हो रहे उइगरवंशीय इस्लामधर्मियों का मुद्दा उतना महत्वपूर्ण नहीं है, ऐसा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने कहा है। उसकी तुलना में कश्मीर का मसला हमें अधिक महत्वपूर्ण प्रतीत होता है, इस पर अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय गौर फरमाएँ, ऐसा आवाहन इम्रान खान ने किया। उसी समय, अफगानिस्तान में गृहयुद्ध भड़केगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने व्यक्त की है।

चीन यह पाकिस्तान का निकटतम मित्र देश है और बहुत ही मुश्किल हालातों में चीन ने पाकिस्तान की सहायता की थी, इन शब्दों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने चीन का शुक्रिया अदा किया है। एक न्यूज़ वेबसाइट को इंटरव्यू देते समय इम्रान खान जब चीन की ऐसी प्रशंसा कर रहे थे, तब इंटरव्यूअर ने उन्हें मुश्किल में डालनेवाले सवाल किए। दुनियाभर में इस्लामधर्मियों पर अत्याचार होने की बात बताकर उसकी कड़ी आलोचना करनेवाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, चीन में उइगरवंशीय इस्लामधर्मियों पर होनेवाले अत्याचारों पर क्यों नहीं बोलते, ऐसा सवाल इस इंटरव्यूअर ने किया।

उसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने लीपापोती करने वाले जवाब दिए। इस बारे में हम चीन के साथ सबके सामने चर्चा करना नहीं चाहते। इस बारे में जो कुछ बात होती है, उसे पर्दे में ही रखने की हमारी इच्छा है, ऐसा इम्रान खान ने कहा। उसी समय, उइगरवंशियों के लिए कंसंट्रेशन कैंप तैयार करके चीन उनपर अत्याचार कर रहा है, यह बात ही हमें मंजूर नहीं है, ऐसा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बता दिया। इतना ही नहीं, बल्कि उइगरवंशियों के मसले को फिजूल महत्व दिया जा रहा है, उसकी तुलना में कश्मीर और फिलिस्तीन का मसला अधिक महत्वपूर्ण है, ऐसा हास्यास्पद दावा इम्रान खान ने किया।

उस पर चौंक गए इंटरव्यूअर ने, उइगरवंशियों पर चीन जो अत्याचार कर रहा है, उसके पुख्ता सबूत दुनिया के सामने आए हैं, इसका एहसास पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को करा दिया। इसके बावजूद भी इम्रान खान ने उसे प्रतिसाद नहीं दिया है। इस कारण इम्रान खान ने और एक बार अपनी विश्‍वासार्हता गँवाई हुई दिख रही है। इससे पहले भी, उइगरवंशियों पर होनेवाले अत्याचारों की हमें जानकारी ही नहीं है, ऐसे दावे इम्रान खान ने किए थे। उसके बाद उनकी ज़ोरदार आलोचना भी हुई थी। पाकिस्तान के ही कुछ विश्लेषकों ने इस मुद्दे को लेकर इम्रान खान को खरी-खरी सुनाई थी।

इसी बीच, अफगानिस्तान से हो रही अमरीका की सेना वापसी के बाद, इस देश में गृहयुद्ध भड़केगा ऐसी चिंता इस इंटरव्यू में इम्रान खान ने व्यक्त की। अमरीका अफगानिस्तान में राजनीतिक हल ना निकालते हुए सेना वापस ले जा रही है। अफगानिस्तान में सर्वपक्षीय सरकार आना, यही इस समस्या पर उपाययोजना है। वैसा ना करते हुए अमरीका अफगानिस्तान से सेना वापसी कर रही है, जिससे गृहयुद्ध भड़कने का खतरा बढ़ा है, ऐसा दावा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने किया।

हम तालिबान के प्रतिनिधि नहीं है, ऐसा इस इंटरव्यू में इम्रान खान ने अनुरोधपूर्वक कहा। लेकिन अफ़ग़ानिस्तान तालिबान के हाथ में जाने के बाद अगर खून खराबा हुआ, तो उसकी सर्वाधिक आँच पाकिस्तान को ही लगेगी, ऐसी चिंता इम्रान खान ने ज़ाहिर की। लेकिन चाहे कुछ भी हो, पाकिस्तान अमरीका को अफगानिस्तान में कार्रवाई करने के लिए लष्करी अड्डा प्रदान नहीं करेगा, ऐसी महत्वपूर्ण घोषणा इम्रान खान ने की। लेकिन उनके द्वारा जब यह घोषणा की जा रही थी, तब अमरीका के विमान, पाकिस्तान की हवाई सीमा का इस्तेमाल करके अफगानिस्तान में तालिबान पर हमले कर रहे होने की बात सामने आई है।

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