प्रधानमंत्री मोदी और रशियन राष्ट्राध्यक्ष द्वारा कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा प्रकल्प राष्ट्र को समर्पित

नयी दिल्ली/ कुडनकुलम्, दि. १० (वृत्तसंस्था) – कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा प्रकल्प भारत और रशिया के बीच ऐतिहासिक दोस्ती का प्रतिक है| आनेवाले समय में रशिया के सहयोग से और बड़ी परमाणु ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण किया जायेगा, ऐसी घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की| बुधवार को तमिलनाडू के कुडनकुलम में, रशिया के सहयोग से निर्माण किये गये, परमाणु ऊर्जा परियोजना के युनिट-१ को राष्ट्र को समर्पित करते वक्त प्रधानमंत्री बात कर रहे थे| इस समय विडियो कॉन्फरन्सिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन और तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता ये इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे|

कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा प्रकल्पयह परियोजना भारत और रशिया की दोस्ती का और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के सहयोग का प्रतिक है और इस परियोजना युनिट-१ को राष्ट्र को समर्पित  करना यह एक ऐतिहासिक घटना है| यह परियोजना भारत और रशिया की दोस्ती और सहयोग को समर्पित है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| साथ ही यह परियोजना विश्‍व की सबसे सुरक्षित परमाणु परियोजनाओं में से एक है, ऐसा विश्‍वास प्रधानमंत्री मोदी ने दिलाया| आनेवाले समय में, भारत और रशिया में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग और भी मजबूत होते दिखाई देगा, ऐसा भरोसा भी प्रधानमंत्री मोदी ने जताया|

इस समय विडिओ कॉन्फरन्सिंग के माध्यम से बात करते वक्त, रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने, इस परियोजना में आधुनिक तंत्रज्ञान का इस्तेमाल किया गया है, यह स्पष्ट किया| परमाणु तंत्रज्ञान क्षेत्र में विश्‍व में अग्रसर रहनेवाला रशिया, आगे भी भारत को परमाणु ऊर्जा तंत्रज्ञान में सहयोग करता रहेगा, ऐसा पुतिन ने कहा|

इसी दौरान कुडनकुलम् परियोजना का युनिट-२ का निर्माण अब अंतिम चरण में है और इसी वर्ष के आखिर में यह युनिट शुरू होगा, ऐसा अंदाजा जताया जा रहा है| सन १९८८ में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा के लिए भारत ने सोव्हिएत रशिया के साथ समझौता किया था| पर सोव्हिएत रशिया का विघटन और उसके बाद राजनीतिक और आर्थिक उथलपुथल में इस परियोजना का काम शुरू होने के लिए सन १९९७ तक राह देखनी पड़ी| लेकिन उसके बाद भारत में इस परियोजना का विरोध किया गया| इस वजह से युनिट-१ परियोजना का काम कई समय तक रुका रहा| सन २०१३ के अक्तूबर महीने में इस परियोजना से बिजली का उत्पाद शुरू किया गया था| शुरुआती समय में इस परियोजना से लगभग ३०० मेगावॅट बिजली का निर्माण किया जा रहा था| अब तक ६ हजार ४९८ लाख युनिट इतनी बिजली का निर्माण इस परियोजना से किया गया है| यह परियोजना राष्ट्र को समर्पित करने के लिए जिस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, उसके बाद यह परियोजना पूरी क्षमता से कार्यान्वित होनेवाली है|

कुडनकुलम् परियोजना के माध्यम से निर्माण की जानेवाली बिजली में से आधी बिजली तमिळनाडू को मिलनेवाली है| साथ ही, कर्नाटक, केरळ और पाँडिचेरी को भी इस परियोजना से निर्माण होनेवाली बिजली का लाभ मिलेगा|

Leave a Reply

Your email address will not be published.