इस्राइल को दी हुई भूमि जॉर्डन वापस लेगा – जॉर्डन के ‘किंग अब्दुल्लाह’ की घोषणा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अम्मान – ‘वर्तमान की परिस्थिति में जॉर्डन और जॉर्डन की जनता के हितसंबंध सुरक्षित रखना महत्वपूर्ण है। उसके लिए हमारी जमीन पर हमारे सार्वभौमत्व का अधिकार लागू करने का निर्णय लिया है’, इन शब्दों में जॉर्डन के राजा ‘किंग अब्दुल्लाह’ ने इस्राइल को दी हुई जमीन वापस कब्जे में लेने की घोषणा की है। लेकिन इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने जमीन के मुद्दे पर जॉर्डन सरकार के साथ चर्चा की जाएगी, इसके स्पष्ट संकेत दिए हैं।

इस्राइल ने अब तक सिर्फ दो खाड़ी देशों के साथ शांति अनुबंध किए हैं और उसमें इजिप्त और जॉर्डन का समावेश है। सन १९९४ में इस्राइल और जॉर्डन के बीच हुए शांति अनुबंध के अनुसार उत्तर और पश्चीम जॉर्डन की एक हजार हेक्टर जमीन इस्राइल को दी गई थी। उत्तर जॉर्डन में स्थित ‘बकुरा’ यह ६०० हेक्टर की उपजाऊ जमीन है और दक्षिण जॉर्डन में ‘घुमर’ जगह का क्षेत्रफल ४०० हेक्टर है। यह जमिन २५ साल के अनुबंध पर दी गयी हैं और इसमें इस्राइली किसान खेती करते हैं।

मूल जॉर्डन की यह जमीन इस्राइल ने सन १९५० और १९६७ में हुए युद्ध में अपने कब्जे में ली थी। लेकिन १९९४ में हुए अनुबंध के अनुसार इस पर जॉर्डन का अधिकार मान्य करके उसे किराए पर इस्तेमाल करने के लिए इस्राइल को दी गई थी। लेकिन अब इस अनुबंध की कालमर्यादा ख़त्म होने जा रही है और इसके आगे अवधि न बढाने का निर्णय जॉर्डन ने लिया है।

‘अल-बकुरा और अल-घुमर को मैने हमेशा से ही प्राधान्य दिया है। जॉर्डन और जॉर्डन की जनता के लिए जो कुछ भी आवश्यक है, वह सब कब्जे में लेने पर हमारा जोर है। इस वजह से इन जमीनों के सन्दर्भ में शांति अनुबंध का अंत करने का निर्णय लिया गया है। अल-बकुरा और अल-घुमर यह जॉर्डन की जमीन थी और जॉर्डन की ही रहेगी’, इन शब्दों में किंग अब्दुल्लाह ने इस्राइल के साथ अनुबंध को ख़त्म करने की घोषणा की है।

किंग अब्दुल्लाह ने अनुबंध का अंत किया है, लेकिन इस्राइल ने इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है, ऐसे संकेत दिए हैं। ‘जॉर्डन के पास इस जमीन को कब्जे में रखने का अधिकार है। लेकिन वर्तमान के किराए अनुबंध को अवधि बढाने के लिए जॉर्डन के साथ हम चर्चा करेंगे। यह पूरा अनुबंध इस्राइल के लिए महत्वपूर्ण है। जॉर्डन और इजिप्त के साथ शांति अनुबंध यह खाड़ी की स्थिरता की बुनियाद है’, इन शब्दों में इस्राइल के प्रधानमन्त्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने जमीन को इस्राइल के कब्जे में रखने के लिए कोशिश करने का आश्वासन दिया है।

‘अल-बकुरा’ और ‘अल-घुमर’ के मुद्दे पर जॉर्डन की जनता में तीव्र भावना है और इस मुद्दे पर देश में प्रदर्शन भी किए गए थे।

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