चीन से सटे सीमाक्षेत्र में निर्माणकार्य के लिए झारखंड करेगा मज़दूरों की आपूर्ति

नई दिल्ली – लद्दाख में चीन से सटे सीमाक्षेत्र के साथ अन्य जगहों पर सड़कों का निर्माण करने के लिए झारखंड ने अपने राज्य के तक़रीबन बारह हज़ार मज़दूरों की आपूर्ति करने की बात मान्य की है। कोरोनावायरस की महामारी फ़ैली होते समय, इन मज़दूरों की सुरक्षा का पूरा ख़याल रखा जायेगा, ऐसा यक़ीन ‘बॉर्डर रोड ऑर्गनायझेशन’ (बीआरओ) ने झारखंड की सरकार को दिलाया होकर, इस संदर्भ में सामंजस्य समझौता भी किया है। इससे भारत ने दिखा दिया है कि चीन की सेना भले ही लद्दाख सीमा पर तनाव पैदा कर रही है, लेकिन उसका कोई असर इस सीमाक्षेत्र में भारत के निर्माणकार्य पर नहीं होगा।

कोरोनावायरस की महामारी ज़ोरों पर होने के कारण, सड़कनिर्माण के लिए झारखंड के मज़दूरों को नहीं भेजा जा सकता, ऐसी भूमिका इस राज्य की सरकार ने अपनायी थी। लेकिन इन मज़दूरों की सुरक्षा का यक़ीन दिलाया जाने पर, देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्माणकार्यों के लिए इन मज़दूरों की आपूर्ति करने की बात झारखंड के मुख्यमंत्री ने मान ली है। इस संदर्भ में बीआरओ और झारखंड की राज्य सरकार में सामंजस्य समझौता संपन्न हुआ है। इस समझौते के तहत, झारखंड के लगभग ११,८०० मज़दूरों का हरसंभव खयाल रखा जायेगा। इस कारण, लद्दाख का सीमाक्षेत्र और चीन से सटे अन्य सीमा भाग में सड़कनिर्माण का काम जारी रहनेवाला है।

लद्दाख गलवान व्हॅली क्षेत्र में चिनी सैनिकों ने घुसपैंठ करके भारत पर भारी मात्रा में दबाव बढ़ाने की कोशिश करके देखी। चीन से नज़दीकी सीमाक्षेत्र में भारतीय लष्कर बुनियादी सुविधाओं का विकास कर रहा है। इस इलाक़े में भारत विमानों के लिए एअर स्ट्रिप्स का निर्माण कर रहा होकर, भारतीय लष्कर के इस निर्माणकार्य से बौखलाए हुए चीन ने लद्दाख में घुसपैंठ की, ऐसे दावें किये जाते हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों में हुई बातचीत में भी चीन ने यह मुद्दा उपस्थित किया था और यह निर्माणकार्य रोकने की सूचना भारत को की थी। लेकिन भारत ने चीन की यह माँग ठुकराई है। 

झारखंड के ग्यारह हज़ार आठसौं मज़दूर सड़कनिर्माण के लिए उपलब्ध होने के कारण, चीन से सटे सीमाभाग में सड़कनिर्माण अब अधिक ही तेज़ी से होगा। इससे, भारत चीन का ऐतराज़ और चीन का लष्करी दबाव इनकी परवाह नहीं करता, ऐसा संदेश फिर एक बार दुनियाभर में गया है। हालाँकि भारत से मुँहतोड़ जवाब मिल रहे हैं, फिर भी चीन ने भारत पर दबाव बढ़ाने की कोशिशें और आशा अभी भी छोड़ नहीं दी है। इसी कारण लद्दाख के हवाई क्षेत्र में चीन के हेलिकॉप्टर्स के चक्करों का प्रमाण बढ़ा हुआ दिख रहा है।

लेकिन सीमा पर ऐसा आक्रमक प्रदर्शन करनेवाले चीन का विदेशमंत्रालय, भारत के साथ चर्चा सकारात्मक साबित होने का बयान कर रहा है।

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