‘वन चायना पॉलिसी’ को खारिज करने के लिए जापान की तैयारी – ‘व्हाईट पेपर’ में जारी चीन के नक्शे में ताइवान का समावेश नहीं है

टोकियो/ताइपे/बीजिंग – ताइवान के क्षेत्र की स्थिरता जापान के लिए बड़ी आवश्‍यक होने का दावा कर रहे जापान ने चीन को और एक झटका दिया है। जापान के रक्षा मंत्रालय ने जारी किए ‘व्हाईट पेपर’ यानी श्‍वेत पत्र में ‘वन चायना पॉलिसी’ को खारिज करने के संकेत दिए गए हैं। श्‍वेत पत्र में चीन संबंधित जारी लेख में चीन के नक्शे में ताइवान को चीन का हिस्सा नहीं दिखाया गया है। इसका मतलब जापान अब ताइवान को स्वतंत्र देश समझ रहा है, इस ओर विश्‍लेषकों ने ध्यान आकर्षित किया है।

‘वन चायना पॉलिसी’जापान के रक्षामंत्री नोबुओ किशी ने मंगलवार के दिन जापान के सामने खड़ी हुई रक्षा विषयक चुनौतियाँ और रक्षा की तैयारी का ज़िक्र होनेवाला श्‍वेत पत्र जारी किया था। इसमें ताइवान की सुरक्षा एवं स्थिरता का मुद्दा स्पष्ट तौर पर पेश किया गया था। ‘ताइवान की सुरक्षा को चुनौती दे रहीं चीन की गतिविधियाँ खतरनाक हैं और इस क्षेत्र में स्थिरता निर्माण करना जापान की सुरक्षा एवं अंतरराष्ट्रीय स्थिरता के लिए आवश्‍यक है’, इन शब्दों में जापान के रक्षा मंत्रालय ने ताइवान की सुरक्षा की अहमियत स्पष्ट की थी।

ताइवान का मुद्दा केंद्र में रखनेवाले जापान ने चीन को और एक झटका देने की बात सामने आयी है। श्‍वेत पत्र में चीन संबंधित जारी किए कुछ लेखों में चीन का नक्शा प्रसिद्ध किया गया है। इस नक्शे में केवल चीन ही दिखाया गया है और ताइवान को दिखाया नहीं गया है। ‘वन चायना पॉलिसी’ के अनुसार चीन और ताइवान एक ही हैं, यही चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की नीति है। इसलिए से चीन का नक्शा दिखाते समय उसमें ताइवान को चीन का हिस्सा दिखाना अनिवार्य होने की बात समझी जाती है।

लेकिन, जापान के रक्षा मंत्रालय ने चीन और ताइवान को स्वतंत्र दिखाया है। ताइवान को अलग दिखाकर और उसका स्वतंत्र ज़िक्र करके जापान ‘वन चायना पॉलिसी’ को अहमियत नहीं देता, ऐसे संकेत दिए गए हैं, ऐसा दावा विश्‍लेषक कर रहे हैं। ताइवान की सरकार ने भी जापान के इस बदलाव का संज्ञान लिया है और जापान के प्रति आभार भी व्यक्त किया है।

जापान और चीन के संबंधों में बीते कुछ वर्षों से लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है और फिलहाल यह तनाव बढ़ने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। चीन की ईस्ट चायना सी में लगातार हो रही घुसपैठ, कोरोना संक्रमण के विषय पर हो रही जानकारी छुपाने की कोशिश, हाँगकाँग पर लादा गया कानून और आर्थिक एवं लष्करी सामर्थ्य के बल पर दबाव डालने की कोशिशों के मुद्दों पर जापान ने आक्रामक भूमिका अपनाई है। दोनों देशों के बीच इन मुद्दों पर लगातार जुबानी विवाद और संघर्ष होता रहा है। इस तनाव में ताइवान के मुद्दे का इज़ाफा हुआ है और जापान ने अधिक से अधिक पुख्ता भूमिका अपनाना शुरू किया है, यही बात ‘व्हाईट पेपर’ में अपनाई भूमिका और इसमें दर्ज़ नक्शे से स्पष्ट हो रही है।

जापान ने बीते महीने में ही ताइवान को कोरोना की लाखों वैक्सीन तोहफे में प्रदान की थी। इसके बाद जापान के प्रधानमंत्री ने संसद के एक सत्र में तैवान का ‘देश’ के तौर पर ज़िक्र किया था। इसके बाद जापान की संसद ने ताइवान को ‘वर्ल्ड हेल्थ असेंब्ली’ में शामिल करने से संबंधित प्रस्ताव बहुमत से पारित करने की बात सामने आयी थी। ताइवान के समर्थन में जापान एक के बाद एक उठा रहे कदम चीन को बड़ा बेचैन करनेवाले साबित हो रहे हैं।

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