जापान अमरिका से १०० ‘एफ-३५’ विमानों की खरीदी करेगा

Third World Warबीजिंग: पिछले कुछ वर्षों से आक्रामक लष्करी नीति अपना रहे जापान ने अमरिका से १०० ‘एफ-३५’ स्टेल्थ लडाकू विमानों की खरीदी करने के लिये गतिविधियां तेज की है| इसके लिये जापान अमरिका के साथ कम से कम नौ अरब डॉलर्स का समझौता करेगा, यह जानकारी सामने आ रही है| जापान ने इसके पहले भी अमरिका से ४२ ‘एफ-३५’ विमानों की खरीदी करने का निर्णय किया था| इस वजह से जापान की १०० ‘एफ-३५’ विमानों की खरीदी पूर्व एशिया में चीन के बढते प्रभाव को चुनौती देने वाली साबित हो सकतीहै, यह दावा जापान के समाचार पत्र ने किया है|

जापान की संसद में जल्द ही रक्षा नीति का ऐलान होना है| इस नई नीति के अंतर्गत जापान की एबे सरकार अमरिका के साथ अरबों डॉलर्स का रक्षा समझौता करने का तय किया है| जापान अमरिकी वायुसेना का सबसे प्रगत ‘एफ-३५’ लडाकू विमान की खरीदी करेगाय यह जानकारी जापान के रक्षा विभाग से जुडे अधिकारी ने स्थानिय समाचार पत्र के साथ की बातचीत के दौरान उजागर की| इस दिसंबर में इस समझौते का ऐलान होगा, यह ‘एफ-३५’ स्टेल्थ विमान जापान के वायु सेना में पुराने ‘एफ-१५’ विमानों की जगह तैनात होंगे|

जापान, अमरिका, १००, एफ-३५, विमानों, खरीदी, करेगा, चीनजापान ने इसके पहले अमरिका की लॉकहिड मार्टिन कंपनी के सामने ४२ ‘एफ-३५ए’ विमान देने की मांग रखी थी| यह स्टेल्थ विमान ‘व्हर्टिकल टेक-ऑफ’ के लिये यानी जगह पर से ही उडान भरने के लिये विशेष रूप से पहचाने जाते है| अब जापान अमरिका से मांग कर रहे नये ‘एफ-३५ बी’ विमान ‘शॉर्ट टेक-ऑफ’ यानी छोटी रन वे से उडान भरने के लिये इस्तेमाल हो सकते है| इसी वजह से कम समय में उडान भर के यह स्टेल्थ ‘एफ-३५’ हमले के लिये तैयार होते है| इस वजह से जापान के रक्षा दलों के लिये यह विमान उचित रहेगी, यह दावा हो रहा है|

जापान की नौसेना में शामिल ‘इझूमो’ वर्ग की हेलिकॉप्टर वाहक युद्धपोत पर ‘एफ-३५’ तैनात करना मुमकिन है, यह दावा भी हो रहा है| जापान की नौसेना में ऐसी केवल ३ युद्धपोत शामिल की गई है| इसमें से एक युद्धपोत हाल ही में ‘साऊथ चाइना सी’ में हुए युद्धाभ्यास में शामिल हुई थी| ‘एफ-३५’ विमान की खरीदी के साथ ही जापान यह हेलिकॉप्टर वाहक युद्धपोत प्रगत करने के लिये अमरिका से तंत्रज्ञान और सहायता प्राप्त करने की कोशिष में है, यह दावा हो रहा है|

अमरिका से १०० ‘एफ-३५’ विमान खरीदी करने के मुद्दे पर अबतक जापान के रक्षा मंत्रालय ने किसी भी स्वरूप की प्रतिक्रिया नही दी है| लेकिन, देश की सुरक्षा के लिये जरूरी सभी मुद्दों पर एबे सरकार गंभीरता से विचार कर रही है, यह रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है| सितंबर महिने में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे इन्होंने अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इनसे भेंट करके अरबों डॉलर्स के लष्करी सहयोग पर चर्चा की थी, यह दावा हो रहा है| अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने जापान के इस निर्णय का स्वागत किया था|

दुसरे विश्‍वयुद्ध के बाद अमरिका और मित्र देशों ने जापान पर कुछ प्रतिबंध लगाये थे| इन प्रतिबंधों के अनुसार जापान की रक्षा नीति रक्षात्मक रहेगी और जापान अपनी रक्षा दलों पर देश की सकल उत्पादन से सिर्फ १ टक्का राशी ही खर्च कर सकता है| पिछले आठ दशकों से जापान ने रक्षात्मक नीति का स्वीकार किया है फिर भी रक्षा दलों पर सबसे जादा खर्च करने वाले पहले दस देशों में जापान का स्थान कायम है|

इस दौरान, ‘इझूमो’ यह विमान वाहक युद्धपोत है, यह आरोप चीन कर रहा है| ‘इझूमो’ वर्ग की युद्धपोतों का निर्माण करके जापान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने लगाये प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है, यह आरोप चीन ने पहले भी किया है| वही, जापान और अमरिका एवं पश्‍चिमी देशोंने चीन के यह आरोप ठुकराए थे| इसी परिस्थिति में अब जापान अमरिका से ‘एफ-३५’ खरीदी के साथ ‘इझूमो’ वर्ग की युद्धपोत प्रगत करने के संबंध में लिये निर्णय पर चीन प्रतिक्रिया दे सकता है|

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